हल्द्वानी – कोविड19 वायरस जो पूरी दुनिया में तांडव मचा रहा है। जिसके वजह से लॉक डॉउन देखने को मिल रहा है। लॉक डॉउन के चलते लोग घरों में कैद है ताकि कोरोना जैसी घातक महामारी से लड़ा जा सके, घर में कैद होकर देश जनता द्वारा एकता और अखण्डता का संदेश पूरे विश्व तक पहुचाया गया है। लॉक डॉउन के तीसरे चरण में जाने के बाद भी भारत की धैर्यवान जनता द्वारा अपने सय्यम का परिचय दिया गया है। देश की आर्थिक स्थिति चाहे डगमगाने लगी हो पर कोरोना महामारी की इस लड़ाई में इकजुटता से लड़ने का संकल्प लिया गया है।
लगातार लॉक डॉउन का तीसरा चरण से शहरों में आवाजाही कम होने के साथ साथ जंगली जानवर शहरों तक आ पहुचे है, इसी बीच पर्यावरण और जैवविविधता में बदलाव देखने को मिल रहा है, रोड ट्रैफिक लोड के साथ ही देश की लगभग सभी फैक्ट्रियां बन्द होने से वातावरण में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है, विलुप्ति की कगार पर पक्षियों और तितलियों की अनेक प्रजातियों को जीवन दान मिला है। जहा सड़क पर गाड़िया दौड़ती थी वहां इन दिनों तितलियों का बसेरा है, जहा फैक्ट्रियों की चिमनियों का धुआं आसमान में ठहर जाता था वहां इन दिनों पक्षियों की उड़ान जारी है। कोरोना के चलते हल्द्वानी की व्यस्थतम सड़क नैनीताल रोड में पसरे सन्नाटे के बीच ठाठ से मंडराती तितलियां अनगिनत सवाल कर गई, क्या महामारी के दौर में ही हम खुली हवा में उड़ सकते है ? मनुष्य के विकास पर विनास का पहिय्या कुछ इस तरह चला कि प्रकृति का दुश्मन बन बैठा है।
कुछ इसी तरह का हाल खेत खलिहान और घरों का है जहां आज गाड़ियों के शोरगुल के अलावा पंछियों की चहचहाहट कोयल की कूक प्रकृति की सुंदर आवाजें सुनाई दे रही हैं मानो इन्हें सुनने के लिए जैसे सदियों बीत गए हो।
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