उत्तराखंड में सबसे अलग तरह के पार्क में से एक कंडोलिया पार्क को अपने इनोवेटिव आइडियाज से देशभर में पहचान दिलाने वाले आईएएस धीराज सिंह गर्व्याल अब विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नैनीताल और उसके आसपास के इलाकों को विशेष पहचान दिला रहे हैं। कुछ हटकर सोचने की क्षमता रखने वाले आईएएस धीराज ने वर्ष 2019 में पौड़ी के जिलाधिकारी रहते हुए कंडोलिया पार्क को नए सिरे से बनाए जाने की योजना बनाई और उसे पौराणिक शैली में जीवंत रूप देने के लिए गजब का इनोवेटिव कार्य किया।

आज कंडोलिया पार्क देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है कोई भी पर्यटक पौड़ी जाता है, तो इस पार्क की यादें जरूर समेटता है। अब आईएस धीराज नैनीताल के जिलाधिकारी हैं, लिहाजा उनके अलग तरीके से सोचने की क्षमता का प्रदर्शन यहां भी देखने को मिला है नैनीताल का बाजार हो या रामगढ़ में हॉर्टिकल्चर टूरिज्म प्रोजेक्ट या फिर लामाचौड़ फतेहपुर में हिस्टोरिकल 52 डांठ, या बेरी फार्मिंग सहित कई इलाकों की तस्वीर आईएएस धीराज के इनोवेटिव आइडिया से बदली गई है।

नैनीताल के जिलाधिकारी बनते ही आईएएस धीराज सिंह ने फल पट्टी क्षेत्र रामगढ़ में उद्यान और हॉर्टिकल्चर टूरिज्म बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म की नर्सरी, उद्यान ट्रेनिंग सेंटर हॉर्टिकल्चर टूरिज्म प्रमोट करने के लिए पार्किंग सुविधा युक्त एक कैफे और कॉटेज को 8 एकड़ भूमि में बनाना शुरू किया।इसके अलावा आईएएस धीरज सिंह गर्ब्याल ने देश की सबसे ऊंचाई वाले क्षेत्र में बेरी की खेती की परियोजना शुरू की जिसमें बड़े पैमाने पर ब्लूवेरी, ब्लैकबेरी रास्पबेरी और स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की।

विश्व प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल शहर के बाजार को भी इसी तरह पर्वतीय शैली में पर्यटकों के लिए यादगार बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी धीरज सिंह ने नए आइडियाज के साथ बाजार का कायाकल्प किया है, और उसकी सुंदरता पर चार चांद लगाने के लिए पर्वतीय शैली की पेंटिंग्स बनाए जाने का काम भी किया जा रहा है। अब पर्यटक बाजार की सुंदरता को देख सेल्फी लेते देखे जा सकते हैं। हल्द्वानी से लामाचौड़ फतेहपुर इलाके में ब्रिटिश शासन 1904 में बना 52 डांठ भी हिस्टोरिकल प्लेस बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। जिसका आधा से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। जिलाधिकारी के नए आइडिया से दशकों से जीर्ण शीर्ण हुए सिंचाई की नहर से न सिर्फ पानी मिल सकेगा बल्कि इसे टूरिस्ट स्पार्ट के रूप में भी डेवेलप किया जाएगा।

नैनीताल के जिलाधिकारी आईएएस धीरज सिंह के आइडियाज यही नहीं समाप्त होते हैं अगले कुछ समय बाद हल्द्वानी की सबसे पुरानी मार्केट भी इसी तरह लोगों को सजी सवर्ती दिखाई देगी जो कि उत्तराखंड के मूल स्वरूप को दिखाएगी।






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