- त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर कैबिनेट पर टिकी निगाहें
देहरादून: हरिद्वार को छोड़कर राज्य के शेष 12 जिलों में मुखिया विहीन चल रही त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर धामी कैबिनेट की बुधवार को होने वाली बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पंचायतों में प्रशासक कार्यकाल एक वर्ष तक करने के दृष्टिगत पंचायती राज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश को राजभवन ने विधायी विभाग को वापस लौटा दिया था। ऐसे में सरकार अब या तो तत्काल पंचायत चुनाव कराने अथवा पंचायती राज अधिनियम में संशोधन के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर निर्णय ले सकती है।
राज्य में 7600 पंचायतों (7499 ग्राम पंचायत, 89 क्षेत्र पंचायत व 12 जिला पंचायत) का पांच वर्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद पिछले वर्ष इनमें प्रशासक नियुक्त किए गए। पंचायतीराज अधिनियम के अनुसार प्रशासक कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं हो सकता। पंचायतों में प्रशासकों का यह कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई। इसे देखते हुए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन अध्यादेश स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा गया। इसे विधायी विभाग की टिप्पणी के आधार पर ही राजभवन लौटा चुका है।
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