उत्तराखंड : नियम विरुद्ध वसूली यूपीसीएल को पड़ी भारी, लौटानी होगी रकम

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  • नियम विरुद्ध वसूली यूपीसीएल को पड़ी भारी, लौटानी होगी रकम, उपभोक्ताओं को राहत।

उत्तराखंड-उपभोक्ताओं से नियम विरुद्ध वसूली यूपीसीएल को भारी पड़ी है। विद्युत उपभोक्ता फोरम के दो आदेशों को विद्युत लोकपाल डीपी गैरोला ने नियम विरुद्ध मानते हुए यूपीसीएल को उपभोक्ताओं से वसूली गई रकम लौटाने के आदेश जारी किए हैं। चार अन्य मामलों में याचिकाकर्ताओं का पक्ष न आने पर खारिज कर दिए। हल्द्वानी निवासी उपभोक्ता चंद्रकला नैनवाल ने विद्युत उपभोक्ता शिकायत फोरम में शिकायत की कि उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से पिछले साल जून में 7068 रुपये बिल जमा कराया, जिसे यूपीसीएल ने एडिशनल सिक्योरिटी की मद में जमा कर लिया। उन्होंने यह पैसा लौटाने के लिए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम ने यूपीसीएल के निर्णय को ही लागू रखते हुए उपभोक्ता की अपील खारिज कर दी। उपभोक्ता नैनवाल ने विद्युत लोकपाल का दरवाजा खटखटाया। विद्युत लोकपाल डीपी गैरोला ने सभी बिंदुओं को समझने के बाद फोरम के आदेश को खारिज कर दिया। सुनवाई में स्पष्ट हो गया कि यूपीसीएल ने सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर 4,548 रुपये अधिक वसूले थे। लिहाजा, यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह उपभोक्ता की यह राशि आगामी बिल में समायोजित करें।

  • मीटर धीमा बता 15 हजार का बिल थमाया, अब लौटाने होंगे⤵️
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यूपीसीएल के इंजीनियरों की दूसरी कारस्तानी भी हल्द्वानी की ही है। उपभोक्ता हरीश सिंह बिष्ट ने फोरम में अपील करते हुए बताया, पंचशील कालोनी में उनका कनेक्शन है। पिछले साल सितंबर में यूपीसीएल की एक टीम आई, जिसे बताया कि उनका मीटर धीमा चल रहा है।

टीम ने पुराना मीटर उतारकर नया मीटर लगा दिया। इस साल जनवरी में यूपीसीएल ने मीटर को धीमा बता 15,545 रुपये का बिल भेज दिया। हरीश ने इसके खिलाफ फोरम में अपील की, लेकिन फोरम ने यूपीसीएल के निर्णय को सही ठहराते हुए उपभोक्ता को यह रकम तीन माहवार किस्तों में जमा कराने के निर्देश दिए। उपभोक्ता ने पहली किस्त 6,500 रुपये जमा भी करा दिए। हरीश ने इसके खिलाफ विद्युत लोकपाल में अपील की थी। लोकपाल ने पाया कि यूपीसीएल ने जिस मीटर को धीमा बताया था, उसकी जांच तक नहीं की। लिहाजा, बिना अध्ययन किए मीटर धीमा बता 15,545 का बिल वसूली के फैसले को निरस्त करते हुए विद्युत लोकपाल ने फोरम का आदेश भी रद्द कर दिया। यूपीसीएल को आदेश दिया कि वह तत्काल यह पैसा लौटाए।

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