देहरादून- कोरोना की दूसरी लहर के बीच विशेषज्ञों ने तीसरी लहर आने की भी आशंका जताई है। और इसे बच्चों के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है। बच्चों के उपचार और उनके मनोविज्ञान को समझने के लिए बाल रोग चिकित्सक भी काफी अहमियत रखते हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने इस ओर कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी। एनएचएम की ओर से इसके लिए विज्ञप्ति जारी कर दी है।
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बता दें कि राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। इनमें बाल रोग, महिला रोग विशेषज्ञ और एनेस्थेटिस्ट भी शामिल हैं। इसके साथ ही ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए नेत्र रोग विशेषज्ञों की भी संख्या बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए सरकार ने अब एनएचएम के तहत चिकित्सक तैनात करने का निर्णय लिया गया है। इन सभी श्रेणियों में चिकित्सकों को 90 हजार से डेढ़ लाख तक वेतन ऑफर किया गया है। हालांकि इससे पहले भी राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को भरने की कोशिश हुई है, लेकिन अभी इसमें पूरी सफलता नहीं मिली है।
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