गोपेश्वर(चमोली): उच्च शिक्षा की व्यवस्था को लेकर लंबे समय से नाराज चल रहे छात्रों का गुस्सा अब फूट पड़ा है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े छात्रों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया। स्थिति उस वक्त तनावपूर्ण हो गई, जब कुछ छात्र पेट्रोल की बोतल लेकर कॉलेज की छत पर चढ़ गए और शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन तीन सितंबर से चल रहे आंदोलन और मंगलवार से शुरू हुए अनशन का अगला चरण था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है जिससे उनमें भारी रोष है।
पुलिस को छत पर चढ़कर उतारने पड़े छात्र
करीब एक घंटे तक कॉलेज प्रशासन और पुलिस के हाथ-पांव फूले रहे। छात्रों को शांत करने की कोशिशें जारी रहीं और अंततः पुलिस ने गेट खोलकर छत तक पहुंच बनाई और काफी मशक्कत के बाद छात्रों को नीचे उतारा। इसके बाद छात्र प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला जिन्होंने विश्वविद्यालय को लिखने का आश्वासन दिया। इस दौरान अनशन पर बैठे छात्र पवन कुमार का अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। छात्रों ने दो टूक कहा कि जब तक मांगों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती तब तक आंदोलन और तेज होगा।
क्या हैं छात्रों की मुख्य मांगे:
परीक्षा परिणाम में हो रही त्रुटियों को तुरंत ठीक किया जाए।
पीजी कॉलेज को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस बनाया जाए और डायरेक्टर की नियुक्ति हो।
परीक्षा संबंधित समस्याओं के लिए हेल्प डेस्क स्थापित की जाए।
समर्थ पोर्टल का लॉगिन और आईडी कॉलेज प्रशासन को दिया जाए।
कॉलेज में सभी संकायों में पीने के पानी के लिए फिल्टर लगाए जाएं।
छात्र-छात्राओं के लिए शौचालयों की उचित व्यवस्था हो।
कॉलेज के सभी छात्रावासों का सुधारीकरण और रंग-रोगन किया जाए।
रिक्त पदों पर शिक्षकों और सफाई कर्मियों की भर्ती की जाए।
गृह विज्ञान और संगीत की कक्षाएं शुरू की जाएं।
छात्राओं के लिए कॉमन रूम की व्यवस्था की जाए।
छात्रों का कहना है कि लंबे समय से वे शांतिपूर्वक अपनी मांगों को उठा रहे हैं लेकिन सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परीक्षा परिणाम में बार-बार हो रही गड़बड़ियों से छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। एक छात्र ने कहा कि हम अपनी पढ़ाई छोड़कर आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि ये केवल हमारी समस्या नहीं आने वाली पीढ़ियों का सवाल है। सरकार अगर हमें नजरअंदाज करेगी तो विरोध और तेज होगा।
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि वे विश्वविद्यालय को इस विषय पर पत्र लिखेंगे और समाधान के लिए प्रयास करेंगे। फिलहाल पुलिस प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है लेकिन छात्रों की चेतावनी है कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन उग्र हो सकता है।
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