उत्तराखंड: सरकारी स्कूलों को एक समय पर खोलने की योजना से पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों को पृथक रखा जा सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों के दुर्गम भौगोलिक हालात की वजह से पूरे साल पौने नौ बजे खोला जाना व्यवहारिक नहीं माना जा रहा है। इस विषय पर शिक्षकों की ओर से आ रहे सुझावों को देखते हुए शिक्षा विभाग में भी इस पर सहमति बनी है। शनिवार को महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने भी इसके संकेत दिए। बकौल कमठान, राज्य में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र के स्कूलों के लिए एक समान मानक लागू करना व्यवहारिक नहीं होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत राज्य में सरकारी स्कूलों का नए सिरे से टाइम टेबल तय किया जा रहा है। मैदानी जिलों में तो शिक्षकों की ओर से इस टाइम टेबल के साथ ही सुबह आठ बजे से दो बजे तक की पैरवी कर रहे हैं। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों ने इसका विरोध किया है। कहा है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम अनुकूल नहीं होता।
प्रदेश में पूरे वर्ष स्कूल खुलने का एक समान समय रखने का प्रस्ताव बनाया गया है। इसके तहत सुबह 8.45 पर बजे स्कूल खुलेंगे और छुट्टी होगी 3.15 बजे अपराह्न। राज्य में वर्तमान में गर्मियों में एक अप्रैल से सुबह 7.45 बजे से स्कूल खुलते हैं और अवकाश दोपहर एक बजे होता है। जबकि सर्दियों में एक अक्तूबर से सुबह 9.15 बजे स्कूल खुलेगा और अवकाश 3.30 बजे होता है। नए टाइम टेबल में गर्मियों में स्कूल अवधि एक घंटा बढ़कर सवा छह घंटे की हो जाएगी। जबकि सर्दियों में यह 15 मिनट बढेगी।
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