नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 की आपदा में बही आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा के बावजूद अभी तक समाधि को बनाया क्यों नहीं है ? खण्डपीठ ने समाधि निर्माण के लिए सरकार के हलफनामे पर भरोसा करते हुए एक वर्ष की अवधि प्रदान की है और किसी त्रुटि पर याचिकाकर्ता को न्यायालय से सम्मुख बात रखने को कहा है ।
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आज उच्च न्यायालय में वर्ष 2013 में केदारनाथ मंदिर के समीप बनी आदि गुरु शंकराचार्य की बह गई समाधि के पुनर्निर्माण को लेकर सुनवाई हुई । दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता आचार्य अजय गौतम द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में दिए आदेशों की अवहेलना पर मुख्य न्यायाधीश आर.एस.चौहान और न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खडीपीठ ने मामले को सुना । उच्च न्यायालय ने इससे पहले अक्टूबर 2018 को एक वर्ष में समाधि के पुनर्निर्माण का आदेश का पालन नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की थी । आज सुनवाई के बाद न्यायालय ने सरकार को उनके हलफनामे के अनुसार समाधि निर्माण के लिए एक वर्ष का समय दिया है ।
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