Haldwani News: रेशम नई पहल कार्यक्रम के तहत रेशम (ककून क्राफ्ट) से कलाकृतियां तैयार की जा रही हैं। हल्द्वानी के एमबीइंटर कालेज मैदान में शनिवार से प्रारंभ हुए सरस मेले में रेशम विभाग के सहयोग से महिला स्वयं सहायता समूह ने स्टाल लगाया है। इसमें ककून क्राफ्ट से बनाई गई बदरीनाथ और केदारनाथ धाम, राज्य पक्षी मोना के सुंदर पेंटिंग पूरे आयोजन का आकर्षण बनी हुई हैं। वहीं, ककून से बनी उत्तराखंड के लोक वाद्ययंत्र रणसिंगा की आकर्षक कृति पहली झलक में तांबे से निर्मित नजर आती है। साथ ही कुमाऊंनी परिधान में सजी महिला की सुंदर पेंटिंग पर्वतीय संस्कृति और परंपरा के मनमोहक दर्शन कराने वाली है। वहीं, प्रभु श्रीराम व माता सीता, श्रीराम-लखन व माता सीता के वनगमन के रेशम से तैयार चित्र प्रभु की दिव्य छवि को जीवंत करने वाले हैं। रेशम से तैयार बैज, पुष्प गुच्छ, फ्लावर बकेट और महिलाओं के आभूषण भी स्टाल में रखे गए हैं।.

रेशम विभाग ने महिलाओं को दिया था प्रशिक्षण
रेशम नई पहल कार्यक्रम की सदस्य किरन जोशी ने बताया कि रेशम विभाग की ओर से महिलाओं को ककून क्राफ्ट का प्रशिक्षण दिलवाया गया था। ऐसे में हल्द्वानी में 50 से अधिक महिलाएं रेशम से कृतियां तैयार करने के कार्य में जुटी हुई हैं। कृतियों की मांग लगातार बढ़ रही है और प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों से भी अब डिमांड आने लगी हैं। सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन से नया रोजगार सृजित हुआ है।

ककून से बनीं कृतियां 120 से 3500 रुपये में उपलब्ध: सरस मेले में ककून निर्मित कृतियां सामान्य दरों में उपलब्ध हैं। इसमें बैज 120 रुपये, पुष्प गुच्छ और फ्लावर बकेट की कीमत 450 रुपये है। जबकि श्रीराम, लखन और माता सीता के चित्र 500 से 1000 रुपये में उपलब्ध है। धामों, राज्य पक्षी, लोक वाद्ययंत्र आदि की पेंटिंग 3200 से 3400 रुपये में मिल रही हैं।





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