हल्द्वानी- गौलापार क्षेत्र में प्रस्तावित उत्तराखंड के पहले बांस बाजार का सपना अधर में लटक गया है भूमि हस्तांतरित होने में दिक्कत आने के चलते वन विभाग ने बंबू बोर्ड को 80 लाख रुपए वापस लौटा दिए हैं। इस योजना के अधर में लटक जाने से बांस उत्पाद से जुड़े कारीगरों को बड़ा गहरा झटका लगा है।
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गौरतलब है कि 2019 में गौलापार में प्रदेश का पहला बांस बाजार खोलने को लेकर तैयारियां शुरू की गई थी इस योजना में देश के 10 राज्यों के बांस के उत्पाद की मार्केटिंग और बिक्री यहीं से होनी थी, गौलापार क्षेत्र में ZOO के बगल में बंबू मार्केट तैयार होनी थी, जिसके लिए बैंबू बोर्ड ने जमीन ट्रांसफर की प्रक्रिया के लिए ₹80 लाख दिए थे लेकिन कई साल लगने के बाद भी जमीन ट्रांसफर नहीं हो सकी लिहाजा बंबू बोर्ड से दी गई रकम वापस कर दी गई। ऐसे में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावनाओं पर भी झटका लग गया, साथ ही बड़े पैमाने पर बांस के कारोबार से जुड़े कारोबारी भी बंबू मार्केट के बने जाने का इंतजार कर रहे थे अब उनके हाथ भी मायूसी लगी है।
दरअसल हल्द्वानी के गौलापार में प्रस्तावित इस बंबू मार्केट में त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, असम के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बांस उत्पाद को उत्तराखंड के पहले बांस बाजार में उतारने की योजना थी।
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