देहरादून-(बड़ी खबर) इस विभाग में 1400 पदों पर होगी सीधी भर्ती,

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  • उत्तराखंड: प्रदेश के शिक्षा विभाग में की जाएगी प्रवक्ताओं के 1400 पदों पर भर्ती, सहायक अध्यापक एलटी भर्ती पर भी किया गया प्रस्ताव जारी।

देहरादून- शिक्षा विभाग में चल रही प्रवक्ताओं के 1400 खाली पदों पर होगी सीधी भर्ती। इसके लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को राज्य लोक सेवा आयोग को भेजेगा। इसके अलावा विभाग की ओर से सहायक अध्यापक एलटी के खाली पदों पर भी भर्ती के लिए सभी जिलों से जानकारी मांगी गई है।

शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के अनुसार इन दिनों सहायक अध्यापक के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति एवं अन्य वजह से जो पद खाली हो गए हैं, उन पदों पर भी विभाग भर्ती का प्रस्ताव भेजेगा। बता दे 1 अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र 2023–24 शुरू हो चुका है। लेकिन प्रदेश के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी स्पष्ट नजर आ रही है। ऐसी स्थिति खासकर पर्वतीय जिलों के स्कूलों में बनी हुई है, जहां शिक्षकों की संख्या कम है। इन जिलों में शिक्षकों के 25 से 30 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं।

ऐसे में जहां पहले से ही इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को सरकार से मिलने वाली मुफ्त पाठ्य पुस्तकें अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई, वही इन स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक ना होने से शिक्षा की स्थिति लड़खड़ा गई है। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में सहायक अध्यापक एलटी के 1300 से अधिक पद और प्रवक्ताओं के तीन हजार से अधिक पद खाली है। शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी के मुताबिक शिक्षकों के नई भर्ती के प्रस्ताव से पर्वतीय जिलों में शिक्षकों की कमी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी। नियमानुसार नई भर्ती से आने वाले शिक्षकों की पहली तैनाती दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में की जाती है।

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हाईकोर्ट के आदेश पर नहीं किया गया अमल
हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को पर्वतीय जिलों के 19 स्कूलों से जिनमें शिक्षकों के 70% से अधिक पद खाली हैं उनमें शिक्षकों को कार्यरत ना करने का आदेश दिया था। लेकिन विभाग ने इस आदेश पर भी अमल न करते हुए पर्वतीय जिलों से शिक्षक मैदान में उतार दिए।

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तबादला एक्ट भी हुआ नाकाम
प्रदेश में सरकार की ओर से तबादला एक्ट लाया गया। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों के पहाड़ न चढ़ पाने के चलते इस एक्ट पर पूरी तरह से अमल नहीं हुआ। वर्ष 2018 और 2019 में 10% से अधिक तबादले ना किए जाने की बाध्य लगा दी गई थी। रुद्रप्रयाग जिले में ना तो सीईओ है और ना ही डीआईओ। नैनीताल जिले में भी डीआईओ का पद खाली है।

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