उत्तराखंड का एक नौजवान जिसने न सिर्फ उत्तराखंड के पहले डिजिटल रेडियो स्टेशन ओहो रेडियो उत्तराखंड की स्थापना की बल्कि पहाड़ की लोक संस्कृति लोक कला और ऐतिहासिक धरोहर और उनके महत्व को जन जन तक पहुंचाने का काम भी किया दुनिया भर में उत्तराखंडी लोगों को एक मंच से जोड़ने का नायाब तरीका उत्तराखंड के युवा आरजे काव्या ने ओहो रेडियो की स्थापना के साथ ही शुरू कर दिया है और इन दिनों वह एक विशेष यात्रा पर हैं जो पहाड़ के सर्पीले रास्तों से होकर डाने काने को जोड़ती हुई पहाड़ के लोगों को जोड़ती हुए जा रही है ।
ओहो हिल यात्रा पर निकले ओहो रेडियो के संस्थापक आर जे काव्या सोमेश्वर घाटी पहुचे, जहा युवाओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया, आपको बता दे कि आर जे काव्या देवभूमि उत्तराखंड का पहला डिजीटल रेडियो स्टेशन लेकर आए है जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है और अनेक पहाड़ी कार्यक्रम सुनाई देते है कुछ समय पूर्व लॉन्च हुवे इस रेडियो एप को अभी तक 50 हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है।
क्षेत्र के सभी युवाओं ने उनका स्वागत कर उनकी बातों का सुना और सोमेश्वर से संबधित कई खूबियों के बारे में उन्हें बताया, उन्होंने सोमेश्वर के लोद के भट्ट के डुबके का भी स्वाद लिया।उन्होंने क्षेत्र मैं स्वरोजगार कर रहे युवाओं से भी मुलाकात की और उनका उत्साहवर्धन किया।
युवाओं को उनके साथ सेल्फी और फोटो लेने के लिए उत्सुकता रहीं और rj काव्या ने युवाओं को संबोधित करते हुवे जीवन में स्वरोजगार और आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रेरित किया।
RJ काव्या उत्तराखंड और पूरे उत्तर भारत के एक प्रसिद्ध रेडियो रेडियो जॉकी है उनके पुराने कई प्रोग्राम जैसे उत्तर का पुत्तर, एक पहाड़ी एसा भी, कार्यक्रम लोगों को बहुत पसंद आते थे, इस कार्यक्रम का संचालन कैलाश सिंह द्वारा किया गया क्षेत्र के सभी युवा समाजसेवी और जनप्रतिनिधियों समेत सभी सम्मानित गणमान्य लोगों ने शिरकत की।
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