
कुछ गुज़रे लम्हें, तुम्हे दिल से चाहा था, दुवाओं में मांगा था.
तुम्हे दिल से चाहा था , दुवाओं में मांगा था.ये दुनिया जब सोती थी रातों
तुम्हे दिल से चाहा था , दुवाओं में मांगा था.ये दुनिया जब सोती थी रातों
कल्पनाओं के सागर में घूम रही हूँ मैं,आज़ भी खुद को ढूंढ रही हूँ मैं.
… वो चादरें थीं ढक लेतीं मान की बदसूरत गांठें सिखातीं पसारना ज़रूरतें अपनी हद
खुशी मिली अपार धन्य भाग हमार । होली की बधाई गाएं- राग धमार ।। डॉ
1 “तुम टिके रहो, हौंसले के साथ . कि मुसीबत को जाना ही है. .
गर्दिश ए वक्त की, समझो तुम चाल,फिरकापरस्ती जुबान की, मत बनो ढाल, जल जाओगे आपस