उत्तराखंड- हाल ही में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के पास एक ऐसा मामला आया था जिसमें जीवित युवक अपना डेथ सर्टिफिकेट लेकर न्याय की गुहार लगाने आया था की जमीन के लालच में कुछ लोगों ने उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन अपने नाम कर दी ऐसा ही एक नया मामला फिर से सामने आया है लेकिन इस मामले में पत्नी ने अपने जिंदा पति को मृत दिखाकर विधवा पेंशन लगाई है और 9 सालों से विधवा पेंशन ले रही है।
काशीपुर: जनपद ऊधमसिंहनगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया है। एक पत्नी अपने जिंदा पति को मृत दिखाकर साल 2013 से विधवा पेंशन (widow pension) ले रही थी। पुलिस ने तहरीर के बाद पत्नी और सास के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
काशीपुर मोहल्ला काजीबाग निवासी उबेदुर्रहमान अंसारी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में बताया कि मोहल्ला कटोराताल निवासी खैरुलनिशा पत्नी मो. इकबाल व अन्जुम इकबाल पुत्री मो. इकबाल ने बेटी की मदद लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और गलत तरीके से खुद को विधवा दिखा दिया। जिसके बाद पति के जिंदा होने के बावजूद उसे विधवा पेंशन मिलने लगी।
उबेदुर्रहमान ने कहा कि मो. इकबाल जीवित है लेकिन खैरुलनिशा चालाकी से विधवा पेंशन ले रही है। इससे उत्तराखंड सरकार को भी नुकसान हो रहा है। पात्रों का हक भी मारा जा रहा है। उबेदुर्रहमान का कहना है कि सूचना अधिकार अधिनियम में खैरुलनिशा का विधवा पेंशन फार्म, विधवा पेंशन सत्यापन फार्म, आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। अब अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने आरोपित दोनों मां-बेटी के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
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