उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को हुए हिमस्खलन से आई जलप्रलय ने तबाही का मंजर ला खड़ा कर दिया। तपोवन जल विद्युत परियोजना के बाहर इस तबाही के मंजर साफ देखे जा सकते हैं टनल में लोगों की तलाश में रेस्क्यू कर रहे एसडीआरएफ को जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है। टनल के बाहर और अंदर भी कई मीटर तक कीचड़ ही कीचड़ भरा है।
दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीमें देवदूत बनकर टनल के भीतर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है लेकिन टनल में कई कई फीट तक मोटी गाद जमा है। लिहाजा रेस्क्यू टीम जेसीबी सहित अन्य एक्यूपमेंट का सहारा भी ले रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद तपोवन में कैंप कर बचाव राहत कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि अब तक इस जलप्रलय में उत्तराखंड समेत नौ राज्यों के लोग लापता हैं देर रात तक रेस्क्यू टीम द्वारा 26 शव बरामद कर लिए गए थे जबकि अभी 180 लोग लापता बताए जा रहे हैं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना किटी में लगातार लोगों की तलाश कर रही है लापता होने वाले लोगों में उत्तराखंड से 42, उत्तर प्रदेश से 46, झारखंड से 13, पंजाब से चार, बिहार से तीन, नेपाल से तीन, पश्चिम बंगाल से दो, जम्मू और कश्मीर से एक और उड़ीसा से एक है।

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इस आपदा से सीमांत क्षेत्र के रैणी पल्ली, पैंग, लाता, सुराईथोटा, सुकी, भलगांव, तोलमा, फगरासु, लोंग सेगडी, गहर, भंग्यूल, जुवाग्वाड, जुगजू गांवो से सडक संपर्क अभी कटा है। ग्रामीणो का हालचाल जानने आज स्वयं मुख्यमंत्री लाता पहुंचे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आर्मी अस्पताल में भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना।जबकि आर्मी अस्पताल जोशीमठ एवं आईटीबीपी अस्पताल जोशीमठ में भर्ती घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना उनके कुशल क्षेम पूछी।

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