नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कुम्भ मेले की निरीक्षण रिपोर्ट सुनते हुए मेले में कोविड टैस्ट बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिए हैं। साथ ही अस्पतालों के निरीक्षण के बाद ऋषिकेश स्थित एस.पी.एस. अस्पताल में अभी भी मूलभूत सुविधाओ और दूसरी कमियों के चलते मुख्य सचिव को कमिटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं ।
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आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट ने न्यायालय को बताया कि कई घाटों में चेंजिंग रूम, शौचालय, साफ सफाई व् अन्य सुविधाओं की कमी पाई गई, जिसपर मुख्य सचिव उत्तराखंड ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को तुरंत ही सभी खामियों को पूरा करने के निर्देश दिए । बताया कि हरकी पौड़ी, मुनिकीरेती, स्वर्ग आश्रम और त्रिवेणीघाट में अवैध निर्माण को हटाने के निर्देश भी मुख्य सचिव द्वारा दिए गए हैं।
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इसके साथ ही अस्पतालों के निरीक्षण के बाद एस.पी.एस.अस्पताल ऋषिकेश में अभी भी मूलभूत सुविधाओ व् अन्य सुविधाओ की कमी के चलते मुख्य सचिव द्वारा कमिटी गठित कर जांच के आदेश दिए है। बताया कि 6 अप्रैल को मुख्य सचिव दोबारा से कार्यो का निरीक्षण करेंगे। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन की प्रथम डोज लग चुकी है, वे अपना वैक्सीन का सर्टिफिकेट साथ मे लगाएंगे तभी उन्हें कुंभ मेले में आने की अनुमति दी जाएगी।
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मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारन्टीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग अलग जनहित याचिकायें दायर की थी। पूर्व में बदहाल क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
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जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिये जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटीया गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से शुझाव माँगे थे। मामले में अब 16 अप्रैल सुनवाई के लिए तिथि नियत की गई है।
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