शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बिंदुखत्ता का गौरव: बसंत बल्लभ पांडे को ‘एजुकेशन आइकॉन ऑफ द ईयर’ का सम्मान
देहरादून। उत्तराखंड के लालकुआं स्थित चाइल्ड सैक्रेड सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संस्थापक बसंत बल्लभ पांडे को शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए ‘एजुकेशन आइकॉन ऑफ द ईयर’ के प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान देहरादून में आयोजित 20वीं एडुलेडर्स समिट एंड अवॉर्ड्स 2025 के दौरान प्रदान किया गया, जिसका आयोजन ब्रिटानिका एजुकेशन और प्लस 91 मीडिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।

इस अवसर पर प्रमुख शिक्षाविदों और नवाचार विशेषज्ञों ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों और भविष्य की आवश्यकताओं पर चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में उन व्यक्तित्वों का सम्मान शामिल था, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बसंत बल्लभ पांडे ने यह सम्मान प्राप्त करते हुए कहा, “यह पुरस्कार न केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि हमारे विद्यालय के समर्पित शिक्षकों और छात्रों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। हमारा उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से बच्चों को संस्कारवान, सत्यनिष्ठ और समाज के प्रति उत्तरदायी नागरिक बनाना है।”

गौरतलब है कि पांडे दंपति, बसंत बल्लभ पांडेय और सुनीता पांडे, शिक्षा के क्षेत्र में नवीन और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाकर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सतत प्रयासरत हैं। उनका संस्कारित शिक्षा मॉडल बच्चों में नैतिकता, पर्यावरणीय जागरूकता और समाज सेवा के मूल्यों को विकसित करने पर बल देता है। इसके साथ ही, उनके विद्यालय में योग, विपश्यना ध्यान, जूडो, खगोल विज्ञान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब और व्यक्तित्व विकास जैसे विशेष कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं।
विद्यालय पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। इसके तहत प्रत्येक छात्र को प्रतिवर्ष एक पौधा रोपित करने के लिए दिया जाता है और छात्रों को उस पौधे की सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पौधे के सफल संरक्षण पर वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन में अतिरिक्त अंक प्रदान किए जाते हैं, जिससे बच्चों में पर्यावरण के प्रति रुचि बढ़ रही है। इसके अलावा, विद्यालय ने प्लास्टिक उन्मूलन की दिशा में भी प्रभावशाली कदम उठाए हैं। छात्रों ने परिसर को पॉलिथीन मुक्त बनाते हुए स्वनिर्मित कूड़ादान का उपयोग शुरू किया है।
प्रकृति और विज्ञान के प्रति छात्रों की समझ विकसित करने के लिए नेचर साइंस प्रोजेक्ट्स, बर्ड वॉचिंग और जल स्रोतों तक पहुंचने के प्रयास भी विद्यालय परिवार द्वारा किए जा रहे हैं। इसी क्रम में छात्रों ने वन अनुसंधान संस्थान (हल्द्वानी) का निरीक्षण कर पर्यावरणीय ज्ञान अर्जित किया। वहां दीवार पेंटिंग प्रतियोगिता में छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके लिए उन्हें प्रसिद्ध आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी द्वारा सम्मानित भी किया गया।
यह सम्मान न केवल बिंदुखत्ता क्षेत्र बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है। आयोजकों ने शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बसंत बल्लभ पांडे और उनकी टीम को बधाई दी है।





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