हल्द्वानी/लालकुआं- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लालकुआं विधानसभा में बिजली के दो पोल शनिवार को बड़े ही चर्चा का विषय हो गए। हालात यहां तक पहुंच गए कि ग्राम प्रधानों सहित कई जनप्रतिनिधि धरने पर बैठ गए, व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक से वायरल हुए आरोपों के बाद अचानक सियासत गर्म हो गई। और दिनभर चली गहमागहमी के बीच बिजली के इन पोल को उखाड़ने के आश्वासन के बाद मामला कुछ शांत हुआ, लेकिन हालात चुनाव के हैं तो अभी यह बिजली के पोल और इन दोनों पोलो पर लटकने का इंतजार कर रहा ट्रांसफार्मर चुनाव में चासनी की तरह चुटकारे मारते हुए सियासी करंट का काम करेगा।
इस पोस्ट से शुरू हुई पोल की सियासत
दरअसल शुक्रवार की शाम को फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप में बिजली का पोल लगाए जाने की एवज में रुपयों की डिमांड किए जाने का आरोप ग्राम प्रधान पर लगाते हुए एक पोस्ट जमकर वायरल होने लगा, और शनिवार सुबह होते होते पूरी विधानसभा में यह खबर आग की तरह फैल गई फिर क्या था, लोग आखिर इन पोलो के पीछे की कहानी जानने को आतुर हो गए, धीरे धीरे लालकुआं विधानसभा के हल्दूचौड़ बाजार में गहमागहमी बड़ी और बिजली के इन पोल को लेकर ग्राम प्रधान बीडीसी मेंबर और स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया, लोगों का यह आरोप था कि बिना ग्राम सभा की अनुमति लिए सड़क पर विद्युत पोल लगाया जा रहा है और इस इस पोल और ट्रांसफार्मर को लगाए जाने को लेकर कांपलेक्स स्वामी और विद्युत विभाग की मिलीभगत है।विरोध प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से ग्राम प्रधान मीना भट्ट, रुकमणी नेगी, हेमा जोशी, क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिलोचन पाठक, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य योगेश जोशी, भास्कर भट्ट, समाजसेवी शैलेंद्र दुम्का, पूरन जोशी, हरेंद्र बोरा, इंद्र सिंह बिष्ट, हेमवती नंदन दुर्गापाल, सुरेश शर्मा, लक्की दुम्का, बहादुर बिष्ट सहित तमाम जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्र वासी मौजूद रहे।
यही नहीं फेसबुक पर वायरल हो रहे एक पोस्ट का हवाला देते हुए ग्राम प्रधान मीणा भास्कर भट्ट ने व्यक्ति विशेष के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि पोल लगाए जाने के एवज में उनके पति पर ₹100000 लिए जाने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है। और वह इसके खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। उनका कहना था की पोल सरकारी जमीन पर सड़क किनारे रोड में लगाया जा रहा है और जब तक पोल नहीं हटाया जाएगा वह विरोध करेंगे।और शाम होते होते मामला और गर्म हुआ तो बिजली विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों व विधायक प्रतिनिधि को आश्वासन दिया कि रविवार सुबह 10:00 बजे तक दोनों पोल उखाड़ दिए जाएंगे। 24 घंटे तक विधानसभा में चर्चा का विषय रहे बिजली के यह दो पोल भले ही उखड़ जाएंगे, लेकिन विधानसभा चुनाव में इन पोल से उपजी सियासत अपना करंट दौड़ाती रहेगी।
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