उत्तराखंड के नैनीताल जिले के गरमपानी क्षेत्र के पास कोसी नदी में बही तीन महिलाओं में दो महिलाओं के शव एसडीआरएफ रेस्क्यू कर लिए थे, घटना के 50 घंटे बाद एसडीआरएफ ने नदी में वही तीसरी महिला के शव को भी बरामद कर लिया है मंगलवार की सुबह घटनास्थल से लगभग 600 मीटर दूर कोसी नदी के किनारे मृतक महिला के देवर और जीजा ने खोजबीन के दौरान महिला के शव को तैरता हुआ देखा, जिसे एसडीआरएफ ने नदी से निकालकर हाईवे तक पहुंचाया फिलहाल मौके पर रेस्क्यू में जुटी पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

गौरतलब है कि अल्मोड़ा नैनीताल बॉर्डर के पास कोसी नदी में चमडिया गांव की कमला जलाल पत्नी राजेन्द्र जलाल, लता पत्नी हरीश बिष्ट और लता पत्नी दलीप सिंह रविवार को जंगल में घास काट कर वापस आ रही थी इस दौरान बरसात की वजह से कोसी नदी हल्की-हल्की उफान पर थी। लेकिन तीनों महिलाएं घास लेकर नदी किनारे पहुंची और घास के गट्ठर सर पर रख कर एक दूसरे का हाथ पकड़कर नदी पार करने लगी और इस बीच कोसी नदी के अचानक आए उफान में तीनों असंतुलित होकर बह गई जिसके बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया पुलिस एसडीआरएफ की टीम लगातार छानबीन करती रही आखिरकार 50 घंटे के भीतर तीनों महिलाओं के शव एसडीआरएफ ने बरामद किए हैं। वही सोमवार तक दो शव बरामद किए जाने के बाद प्रशासन ने तत्काल आपदा प्रबंधन मत के तहत ₹8 लाख प्रति मृतक चार लाख के हिसाब से मुआवजे का ऐलान किया है।
नैनीताल- जिले में अभी भी 27 हजार से अधिक लोग क्वॉरेंटाइन, हल्द्वानी के होटलों में भी ऐसे रह रहे लोग

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4 thoughts on “गरमपानी- 50 घंटे बाद इस हाल में मिला, कोसी नदी में बही तीसरी महिला का शव”
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अत्यंत दुःखद समाचार 😥
OM SHANTI
सर्वविधित है कि आज के समय में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी / Computer की उपयोगिता सर्वागीण क्षेत्र में है, चाहे वह ऑफिस हो या घर हो या चुनाव या कोई भी क्रांति ही क्यों ना हो. लेकिन इतना महत्वपूर्ण विषय होने के बावजूद भी Computer Science अभी तक उत्तराखंड के सरकारी हाईस्कूल/इंटरमीडिएट कॉलेजों एवं सरकारी डिग्री कॉलेजों में अनिवार्य/नियमित विषय के रूप में स्थापित नहीं किया गया है, जबकि शारीरिक शिक्षा, गृह विज्ञान, पुस्तक कला , ड्राइंग एंड पेंटिंग , उर्दू , संस्कृत , योग, वेद, संगीत एवं कला जैसे कई अन्यान्य विषयों को उत्तराखंड के सरकारी हाई स्कूल/इंटरमीडिएट कॉलेजों डिग्री कॉलेजों में अनिवार्य/नियमित विषय के रूप में स्थापित किया गया है, किन्तु Computer Science जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय को उत्तराखंड के सरकारी हाईस्कूल/इंटरमीडिएट स्तर के कॉलेजों एवम डिग्री कॉलेजों में अनिवार्य/नियमित विषय के रूप में स्थापित नहीं किया गया है, Computer Science जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय के साथ ऐसा सोतेला व्यवहार क्यूँ किया जा रहा है. आपसे हमारी यह विनती है कि Computer Science विषय को कक्षा 1 से 12 तक एवम सरकारी डिग्री कॉलेजों में नियमित विषय के रूप में मान्यता देते हुए कम्प्यूटर अध्यापकों की स्थाई पदों की स्वीकृति प्रदान की जाय.
BILKUL SATY VACHAN