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देहरादून- (बड़ी खबर) मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज राज्य हित में लिए यह बड़े फैसले, जानिए बस एक क्लिक में

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देहरादून- मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पित्थूवाला के अंतर्गत मीठी बेहरी प्रेमनगर में मिनी नलकूप के निर्माण के लिए 92 लाख की स्वीकृति दी है। देहरादून के कारगी क्षेत्र में अवंतिका विहार वार्ड 73 में 15 घरों के लिए सीवर लाईन बिछाकर मेन लाइन से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने 15.81 लाख की स्वीकृति दी है। विधानसभा रायपुर की तरला आमवाला फेज-1 कृष्णा एन्क्लेव आमवाला तरला टीचर्स कालोनी में पेयजल योजना के लिए 3.87 करोड़ की योजना को संस्तुति दी है। योजना 135 एलपीसीडी पर तैयार की गई है। योजना से 479 घरों को पेयजल कनैक्शन दिए जाने का प्रस्ताव है।

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चमोली जिले में रीवर बैंक फिल्ट्रेशन (ग्रामीण) आधार पर ग्राम मैठाणा ग्रामीण पेयजल योजना के सृदृढीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने 27.50 लाख की मंजूरी दी है। इससे पहले इसी योजना के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 58.75 लाख की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है।

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प्रमोद कुमार को मुख्य अभियंता स्तर-1 पद पर पदोन्नति मिलेगी

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देहरादून। लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता के पद पर हरिओम शर्मा के चयन के बाद रिक्त पद पर प्रमोद कुमार को मुख्य अभियंता स्तर -1 (सिविल) के पद पर पदोन्नति के मुख्य सचिव के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने मोहर लगा दी है।

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आगामी सत्र में वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम के तहत होंगे तबादले

देहरादून। आगामी सत्र में कार्मिकों के तबादले वार्षिक स्थानांतरण अधिनयम के प्रावधानों के तहत ही होंगे। मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पिछले साल 20-21 में वार्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य किया गया था। वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के अधीन गठित समिति की 3 फरवरी, 21 को हुई बैठक में शून्य सत्र को समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया था। मुख्य सचिव ने प्रस्ताव में बताया कि आगामी वर्ष में विधानसभा के निर्वाचन भी होने हैं। इस कारण निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। आम तौर पर निर्वाचन कार्य में संलग्न सभी विभागों के कार्मिकों के लिए एक स्थान पर 3 साल से अधिक रहने का निषेध है। इसलिए आगामी सत्र को शून्य नहीं किया जा सकता। इसमें वित्तीय दृष्टिकोण से 10 फीसदी या आदर्श चुनावी आचार संहिता के अनुरूप वांछित स्थानांतरण ही किए जाने की व्यवस्था की गई है।

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इस प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष लाया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दे दिया है। साथ ही आगामी सत्र के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम के प्राविधान ही लागू किए जाने और स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने के प्रस्ताव पर भी मोहर लगा दी है।

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हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास के लिये स्वीकृत की एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्त शिल्प विकास परिषद के शासी निकाय की नवीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि राज्य के हस्तशिल्प एवं अन्य उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिये पेशेवर डिजायनरों की सेवायें ली जाय तथा उपयुक्त स्थलों पर उत्पादों के इम्पोरियम स्थापित किये जाय। राज्य के उत्पादों के इम्पोरियम बड़े शहरों में भी स्थापित किये जायें। इसके साथ ही ऊन के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये ऊन के कलस्टर तैयार करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उत्पादों को विशिष्ट पहचान मिले, इसके लिये उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय। बांस, भीमल व पिरूल का भी हस्तशिल्प में विशेष उपयोग किया जाय। वन पंचायतों के माध्यम से रिंगाल उत्पादन की दिशा में कार्य किया जाय। बैठक में मुख्यमंत्री ने हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद् के लिये एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि भी स्वीकृत की। परिषद् को यह धनराशि रिवॉल्विंग फण्ड के रूप में उपलब्ध होगी। पूर्व मे इसके लिये एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई थी। शिल्पियों एवं बुनकरों आदि को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिये यह अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है।

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