यात्रा वृत्तांत (चतुर्थ भाग) उत्तराखंड के कपकोट विधानसभा के कलाग ग्रामसभा की दर्द भरी कहनी.
लेकिन मैं यह चाहता था कि जब हम बहुत ज्यादा प्यासे हो तब इस कोल्ड्रिंग
लेकिन मैं यह चाहता था कि जब हम बहुत ज्यादा प्यासे हो तब इस कोल्ड्रिंग
बुरा न मानो होली है! भई क्यों मानना बुरा, और अगर मान भी गए तो
यह कहानी गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित है। उदारीकरण से पहले के भारत में ग्रामीण क्षेत्रों
यूं तो होली समूचे भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है . जो
बीटेक ,MBA और उसके बाद 6 साल की मल्टीनेशनल कंपनी में एचआर की नौकरी हर
बचपन की यादों को जोड़ता तोड़ता में अपने घर जाने के रास्ते को याद करने
शब्दो का हिमनद अति हिमपात के कारण बहने को तैयार है और भावनाओं की झील
गुफाओं के नाम से मशहूर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की घाटी रहस्य और रोमांच से भरी
7 मई 2017 सुबह के साढ़े आठ बजे पहाड़ की सर्पीली सड़क में दौड़ती मेरी
उत्तराखंड में कुमाऊ की काशी के नाम से मशहूर बाबा बाघनाथ की धरती बागेश्वर में