ताइवान प्रजाति के एप्पल बेर की खेती अब उत्तराखण्ड में भी

उत्तराखंड- ताइवान प्रजाति के बेर की फसल अब होने लगी यहां, इस किसान के प्रयोग ने कर दिया कमाल

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किच्छा- ताइवान प्रजाति के एप्पल बेर की खेती अब उत्तराखण्ड में भी होने लगी है। प्रदेश में पहली बार उधम सिंह नगर जनपद में एक किसान द्वारा एप्पल बेर का उत्पादन किया जा रहा है। इसके लिए किसान को पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी द्वारा सहयोग किया गया है। कश्मीरी एप्पल बेर की पहली फसल मार्च में पूरी होने जा रही है। कश्मीरी एप्पल की पहली फसल को देख किसान भी उत्साहित है।

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पेड़ में लदे ये फल सेब नही बल्कि ताइवान प्रजाति की बेर है। ताइवान प्रजाति की बेर अब उत्तराखंड के बाजारों में भी आसानी से मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश, केरल राज्यों के बाद अब ताईवान प्रजाति की कश्मीरी एप्पल बेर उत्तराखंड में भी किसान उगाने लगे हैं। उधम सिंह नगर जनपद के किच्छा तहसील के रहने वाले किसान नारायण चंद्र सरकार ने इस प्रजाति के बेर की खेती शुरू भी कर दी है। जिसकी पहली क्रॉप मार्च में तैयार हो जाएगी। दरसल पन्तनगर किसान मेले में पश्चिम बंगाल की शबनम नर्सरी द्वारा स्टाल लगा कर उधम सिंह नगर जनपद के किसान को एक एकड़ के लिए 400 कश्मीरी एप्पल के पौध उपलब्ध कराए थे। अप्रैल 2020 में पौध का रोपण करने के बाद महज 8 महीनों में ताइवान प्रजाति के बेर के पेड़ में फ्रूट लदालद लगने लगे है। हालांकि अभी एप्पल बेर को पकने में तीन माह का वक्त बचा है लेकिन खरीददार अभी से किसान के खेत मे क्रॉप की पहली फसल को खरीदने के लिए पहुच रहे है।

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पिछले क़ई सालों से फलिय पौधों पर काम कर रहे पश्चिम बंगाल की नर्सरी शबनम के ऑनर अयान ने बताया कि ताइवान प्रजाति की कश्मीरी एप्पल बेर की इस प्रजाति की खेती कर किसान कम लागत पर अधिक मुनाफा कमा सकता है। मौजूदा समय मे बाजार में इस वैरायटी के बेर की कीमत 50 से 60 रुपये किलो है। एक एकड़ में किसान इस फसल से ढाई से तीन लाख रुपये कमा सकता है।

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