दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात सीमा ढाका देशभर में सुर्खियों में आ गई है इसके पीछे उनके द्वारा किया गया असाधारण कार्य है आज जैसे ही दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिए जाने की घोषणा की तो देशभर में सीमा ढाका को नई पहचान मिली क्योंकि उन्होंने काम है कुछ असाधारण किया है।
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दरअसल दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बीते अगस्त माह में एक स्कीम की शुरुआत की थी जिसमें यह कहा गया था कि जो भी कॉन्स्टेबल या हेड कांस्टेबल 1 साल में 50 या उससे अधिक लापता बच्चों को तलाश करेगा तो उसे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा और इन 50 बच्चों में से 15 बच्चे 8 साल से कम उम्र के होने चाहिए और जो पुलिसकर्मी 14 साल से कम उम्र के 15 से अधिक बच्चों को तलाश करेगा उसे असाधारण कार्य पुरस्कार भी दिया जाएगा इन 15 में से 8 साल के कम उम्र के 5 बच्चे तलाश किए होने चाहिए।
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और इसी स्कीम के तहत अपनी मेहनत और कार्यकुशलता से दिन रात एक कर 3 महीनों में समयपुर बादली पुलिस थाने में तैनात महिला हेड कांस्टेबल सीमा ढाका ने 76 लापता बच्चों में से 56 को ढूंढ निकाला है। उनके इस लाजवाब कार्य के लिए उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिए जाने की घोषणा की गई है और इस स्कीम के तहत प्रमोशन पाने वाली सीमा ढाका पहली पुलिस कर्मचारी भी बन गई है मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बड़ौत की रहने वाली सीमा ढाका का ससुराल शामली में है लिहाजा सीमा की इस उपलब्धि से हर जगह गर्व और खुशी का माहौल है।
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