
हल्द्वानी- अब तक आपने ऐपण कला से बनी कई वस्त्र या वस्तुएं देखी होंगी लेकिन पहली बार हल्द्वानी की अभिलाषा पालीवाल ने ऐपण साड़ी बनाकर इस कला को नया आयाम दिया है यही वजह है की अभिलाषा का यह हुनर सात समुंदर पार भी पहुंच गया। लखनऊ से आई एक डिमांड पर अभिलाषा ने सिल्क की साड़ी को 3 महीने तक कड़ी मेहनत के बाद अपन की कलाकृति में ऐसे उकेरा कि देखने वाला हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।

पर्वतजन आर्ट की संस्थापक अभिलाषा पालीवाल ने जब इंस्टाग्राम में ऐपण साड़ी की तस्वीर शेयर की तो न्यूयॉर्क में रहने वाली भारतीय मूल की महिला ने उनसे संपर्क किया और तीन साड़ियों की डिमांड की है। अभिलाषा के इस नए प्रयोग के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और एकाग्रता पूर्ण ऐपण कला के प्रयोग की बदौलत 3 महीने में उन्होंने 5 मीटर लंबी साड़ी पर बारीकी से ऐपण कर आकर उसे नया आकार दिया। अब तक अभिलाषा द्वारा ऐपण कला के माध्यम से कई उत्पाद बनाए गए उनके इस नवाचार को जगह-जगह सराहना मिली, उनके द्वारा उत्तराखंड की लोक संस्कृति कला को प्रदर्शित करती कई सामग्रियां बनाई गई है जिनमें तोरण द्वार, कॉटन बैग, बुक मार्क, पोस्टर, डायरी, घर कार्यालय के बाहर लगने वाले परिचय पट सहित कई अन्य वस्तुएं हैं।
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हल्द्वानी की रामपुर रोड क्षेत्र में रहने वाली अभिलाषा पिछले 2 सालों से अपन पर आधारित पेंटिंग कर रही है अपनी मां सावित्री जोशी से बचपन में ऐपण की जिस कला को उन्होंने सीखा था आज वह उसे नया आयाम दे रही हैं। जिसकी लोग भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।
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