हल्द्वानी- उत्तराखंड में रिवर्स पलायन न सिर्फ यहां से बाहर गए लोगों का हुआ है बल्कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोक कला का भी रिवर्स पलायन हुआ है इसका ताजा उदाहरण समृद्धि फिल्म्स के बैनर तले रिलीज हुए शानदार गीत “को हुनेली” से लगाया जा सकता है लॉकडाउन में क्रिएटिव तरीके से बनाया गया 4 मिनट 22 सेकंड के गीत ने हर जगह धूम मचा रखी है।
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‘को हुनेली गीत’, उत्तराखंड में धान कि खेती के समय युवक व युवती के बीच मीठी नोक-झोक को दर्शाता है । समृद्धि फिल्म्स के बैनर तले रिलीज़ हुए इस गीत को गोविन्द आर्या व श्रेया शालीन ने गाया और उत्तराखंड के बहु-चर्चित संगीतकार रणजीत सिंह में अपने अनोखे अंदाज से संगीतमय किया है । lockdown के इस दौर में जब विडियो शूट कर पाना मुमकिन नहीं था, तब इस गीत के अदाकारों (ज्योति, गुंजन, राहुल, अमित, सुहानी और दीप्ति ) ने खुद अपने मोबाइल से विडियो क्लिप बनाकर समृद्धि फिल्म्स को online mode से भेजा और उन सभी विडियो क्लिप्स को एडिट और मिक्स करके इस गीत को रिलीज़ कर समृद्धि फिल्म्स ने एक बार फिर उत्तराखंड वासियों का मनोरंजन करने कि भूमिका निभाई है ।
इससे पहले भी समृद्धि फिल्म्स बहुत मनमोहक गीत रिलीज़ कर चूका है । जिनमे “बिंदुली ठैरी बल” , “पाणी कि गागरी” , चार “दिन की जिंदगी” और “चल परदेसी” मुख्य है | बता दे कि “बिंदुली ठैरी बल” समृद्धि फिल्म्स का प्रथम गीत है, जिसे उत्तराखंड ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के बहार भी श्रोतावो ने बहुत पसंद किया । बिंदुली गीत को गित्यार विजेता “ललित कुमार” और मधुर गायिका “दिया” ने अपने स्वर दिए हैं । देश ही नहीं विदेश में भी चर्चित उत्तराखंडी लोकगीत “चैत कि चैत्वाला” के सुप्रसिद्ध गायक अमित सागर ने समृद्धि फिल्म्स के गीत पाणी कि गागरी को गाया ।
“चार दिन कि जिंदगी” गीत को राकेश कुमार ने लिखा और गाया है जो कि व्यस्थता भरी दिनचर्या में जिंदगी जीने के अनोखे नजरिये को दर्शाता है । जहा एक तरफ पलायन के चलते उत्तराखंड के गांवों से नौजवान शहरों की तरफ रुख कर रहे हैं, वही दूसरी ओर समृद्धि फिल्म्स का गीत “चल परदेसी” अपनी प्रेमिका को गाँव चलने के लिए प्रेरित करता है | इस गीत में शहर और गाँव के वातावरण, खान-पान, त्योहारों और मेलो का तुलनात्मक वर्णन दर्शाया गया है | चल परदेसी गीत को ललित कुमार और श्रेया शालीन ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है।
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समृद्धि फिल्म्स के निर्माता व निर्देशक गोविन्द प्रसाद आर्या से फ़ोन में हुयी बातचीत से पता चला कि वह कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग से B.Tech और M.Tech हैं और लगभग 12 सालो से इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर शिक्षक कंप्यूटर इंजीनियरिंग पढ़ा रहे हैं । शहरों में तकनिकी शिक्षा देते हुए भी वे आजीवन पहाड़ के करीब रहना चाहते हैं । इसी उद्देश्य को देखते हुए उन्होंने इसी वर्ष जनवरी माह में अपना यू ट्यूब चैनल प्रारम्भ किया है जो कि उत्तराखंड कि संस्कृति के रखरखाव व विकास के लिए कार्यरत है । समृद्धि फिल्म्स के अब तक के सभी गीतों को रणजीत सिंह जी के संगीत निर्देशन में A Plus Studio देहरादून में रिकॉर्ड किया गया है और सभी गीतों में गोविन्द प्रसाद आर्या ने स्वयं गीतकार कि भूमिका निभाई है ।COVID-19 कि परिस्थिति सामान्य होते ही सभी गीतों कि विडियो शूटिंग आरम्भ कि जाएगी ।
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