स्पीड बैडमिंटन

हल्द्वानी- दिल्ली में बजा देवभूमि का डंका, सोमेश्वर की हेमा और उसके बच्चों ने झटके पदक

खबर शेयर करें -

हल्द्वानी-उत्तराखंड के युवा अन्य प्रदेशों में रहकर देवभूमि का नाम रोशन कर रहे है। बॉलीवुड से खेल के मैदान तक, सेना से लेकर लोकसंस्कृति तक आज पहाड़ के युवाओं ने अपना डंका बजाया है। इसकी क्रम दिल्ली में रहने वाले सोमेश्वर निवासी मां और बच्चों ने देवभूमि का नाम रोशन किया है। जिनकी लोग जमकर तारीफ कर रहे है। उनके पीछे कोच शिव राम आर्य की कड़ी मेहनत है जो पिछले 20 साल से गुडग़ांव में रहकर उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य प्रदेश के बच्चों को क्रॉसमिंटन झटके पदक के गुर सिखा रहे है। उनकी बदौलत उत्तराखंड ने इस बार नौ मेडल अपने नाम किये है।

यह भी पढ़े 👉हल्द्वानी-(बड़ी खबर) आईजी कुमाऊं ने किए 12 इंस्पेक्टरों के तबादले, देखिए सूची

विगत दिनों राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में खेलते हुए उत्तराखंड के खिलाडिय़ों ने नौ पदक उत्तराखंड की झोली मेंं डाले, जिसमें क्रॉसमिंटन एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष की पत्नी हेमा आर्या ने द्वितीय स्थान पर रहते हुए पदक पर कब्जा जमा जबकि उनके दोनों बच्चों गौरव आर्या और प्रिंस आर्या ने तीसरा और दूसरा स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर तहसील के रमेलाडूंगरी गांव निवासी शिव राम आर्या गुडग़ांव में उत्तरांखड के बच्चों को क्रॉसमिनटोन की कोचिंग देते है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी -(बड़ी खबर) पोलिंग पार्टियां पहुंचना शुरू, DM ने बताया मतदान प्रतिशत

देहरादून-(बड़ी खबर) कुंभ में कोरोना की रिपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट, अब ऐसे आना होगा

क्रॉसमिंटन

बर्लिन में बिल ब्रैंड्स द्वारा विशेष शटलकॉक और खेल के विचार का आविष्कार 2001 में किया गया था। स्पीडमिंटन कंपनी द्वारा इस खेल को परिष्कृत करके क्रॉसमींटन के अंतिम खेल में लाया गया था। आविष्कारक ने पहले अपने नए खेल को “शटलबॉल” नाम दिया, लेकिन जल्द ही खेल को “स्पीड बैडमिंटन” नाम दिया गया। जनवरी 2016 से शुरू हुआ नाम बदलकर फिर से क्रॉसमिंटन कर दिया गया। मूल रूप से, आविष्कारक का विचार बैडमिंटन का एक बाहरी संस्करण बनाने का था, इसलिए उन्होंने गेंद को छोटा और भारी (आज स्पीडर कहा जाता है) बदल दिया। बैडमिंटन की उपमा अब केवल तकनीकी तरीके से मौजूद है: कोई नेट नहीं है और गेम टेम्पो तेज है। 2003 में, जर्मनी में पहले से ही 6,000 सक्रिय खिलाड़ी थे। खेल लगातार बढ़ता जा रहा है और पूरे यूरोप में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून -(बड़ी खबर) आज बदलेगा फिर मौसम का मिजाज

यह भी पढ़े 👉देहरादून- फिर आने लगी टेंशन वाली खबर, बढ़ गए आज इतने मामले

कोच शिवराम आर्या ने बताया कि वह पिछले बार साल से खेलों में उत्तराखंड को आगे बढ़ाने में लगे हुए है। इस बार हुए राष्ट्रीय चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में उत्तराखंड के नौ खिलाडिय़ों ने पदक जीते। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में खुद उनकी पत्नी हेमा आर्या और दो बच्चों ने प्रतिभाग किया। देवभूमि के लिए तीन पदक उनके परिवार ने जीते है। जिस पर उन्हें गर्व है। वह उत्तराखंड के युवाओं को इस खेल में देखना चाहते है। उन्होंने कहा कि गुडग़ांव में रहने के बावजूद अपनी जन्मभूमि उत्तराखंड को वह हमेश मिस करते है। उनका कहना है कि अगर प्रदेश सरकार उनका सहयोग करें तो वह उत्तराखंड के युवाओं को इस खेल की ट्रेनिंग देने को तैयार है। इस प्रतियोगिता में विजयी रहे प्रतिभागी अब नेशनल स्तर पर खेलेंगे।

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल -(दुखद हादसा)- गहरी खाई में गिरी कार,हादसे में डॉक्टर की मौत

यह भी पढ़े 👉उत्तराखंड- महिला को 40 हजार में बेचने वाले 6 आरोपी गिरफ्तार बिचौलिया फरार, ऐसे खुला मामला

यह भी पढ़े 👉नई दिल्ली- जब उत्तराखंड के जौ, मडुआ और गहत को लेकर सदन में उठा सवाल तो क्या बोलो कृषि मंत्री जानिए..

यह भी पढ़े 👉नैनीताल- हाईकोर्ट ने कुम्भ मेले को लेकर दिए यह निर्देश, ये चीजें जरूरी

अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -

👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें

👉 फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें

हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें

Subscribe
Notify of

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments