देहरादून : सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए चयनित नर्सिंग अधिकारियों के स्थाई निवास प्रमाणपत्रों की जांच होगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने फर्जी प्रमाणपत्रों की शिकायत मिलने पर यह निर्देश दिए हैं।

चिकित्सा चयन बोर्ड ने दो माह पूर्व मेडिकल कॉलेजों व कैंसर संस्थान के लिए 1314 नर्सिंग अधिकारियों का चयन किया था। वरिष्ठता के आधार पर हुई इस भर्ती में बड़ी संख्या में ऐसे युवाओं के चयनित होने की शिकायत है, जो अन्य प्रदेशों के हैं और उनकी पढ़ाई भी उत्तराखंड में नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग के ही नर्सिंग अधिकारियों ने इस मामले की शिकायत की है। स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग भर्ती में भी फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्रों के आठ मामले मिले थे।
अब 16 युवाओं के स्थाई निवास प्रमाण पत्रों की शिकायत की गई है। इनमें चार वह युवा भी शामिल हैं जो पिछले साल हुई स्वास्थ्य विभाग की नर्सिंग अधिकारी भर्ती में भी चयनित हो गए थे। जांच में उनके स्थाई निवास प्रमाण पत्र गलत पाए गए थे। दूसरी ओर, संविदाएवं बेरोजगार नर्सिंग अधिकारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री से मिला। संगठन के अध्यक्ष मीनाक्षी मंमगाई और पूर्व अध्यक्ष हरिकृष्ण बिजल्वाण ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की नर्सिंग भर्ती में कई युवाओं का चयन फर्जी स्थाई निवास प्रमाण पत्र के आधार पर हुआ है।

मामले में जांच के निर्देश गए हैं। भर्ती में केवल प्रदेश के युवाओं को ही नियुक्ति दी जाएगी। फर्जी प्रमाणपत्र बनवाने वाले युवाओं, बनाने वाले अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री





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