देहरादून। शिक्षा का अधिकार ऐक्ट के तहत तय कोटे की सीटों पर गरीब बच्चों को एडमिशन देने में आनाकानी कर रहे प्राइवेट स्कूलों ने सरकार की सख्ती के बाद हथियार डाल दिए। शिक्षा विभाग के नोटिस देने के तत्काल बाद ही 1456 प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि यदि भविष्य में इस प्रकार की चूक की गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाकी बचे स्कूलों का ब्योरा भी लिया जा रहा है। इस साल प्राइवेट स्कूलों के आरटीई एडमिशन प्रक्रिया में शामिल न होने से काफी कम बच्चों को एडमिशन मिल पाया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह से प्राइवेट स्कूलों का शिक्षा विभाग के पोर्टल पर खुद दर्ज न कराना और सीटों की संख्या जाहिर न करना रहा। 1900 से ज्यादा स्कूलों के प्रक्रिया से बाहर होने की वजह से आरटीई कोटे की सीटों की संख्या काफी गिर गई। राज्य के 4433 प्राइवेट स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक आरटीई कोर्ट में औसतन 35 हजार तक सीट होती हैं। अपर राज्य परियोजना निदेशक-एसएसए डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि स्कूलों के रवैये को गंभीरता से लेते हुए सभी को नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए।
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