अगर आप स्वरोजगार करने की दिशा में इच्छुक है तो मसाला उद्योग भी आपके रोजगार का एक जरिया बन सकता है क्योंकि प्राकृतिक जैव विविधताओं से भरपूर उत्तराखंड में इस तरह की जड़ी बूटियों व मसाले उपलब्ध हैं जिनका स्वाद लेने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं यहां तक की पहाड़ के नमक की भी अपनी अलग डिमांड है लिहाजा स्वरोजगार की दृष्टि से मसाला उद्योग भी एक अच्छा रोजगार का साधन बन सकता है आइए जानते हैं इसके बारे में और सरकार कैसे इसे प्रोत्साहित कर रही है।
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पहाड़ी मसाले जिनमें हल्दी, धनिया, मैथी, अदरक, लहसुन तथा बड़ी इलायची व मिर्च आदि प्रमुख हैं। काफी ज्यादा खुशबूदार होते हैं। इन्हें जैविक खाद, गोबर खाद में उत्पादित करने पर इनकी विशिष्टता और बढ़ जाती है। ताजे शुद्ध पहाड़ी मसालों का विपणन क्षेत्र पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यदि इन्हें साफ करके सही ढंग की पैकेजिंग करके बड़े-बड़े होटलों एवं रेस्टोरेन्टों में लिंकेज बनाकर आपूर्ति सुनिश्चित की जाय तो ये नवरंग, एमडीएच या गोल्डी मसालों से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखते हैं। योजना परिकल्पना में पीएमईजीपी की दृष्टि से भूमि भवन का कार्यशाला निजी तौर पर सुलभ अथवा किराये पर उपलब्ध मान ली गयी है।
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मसाला उद्योग योजना
इसके तहत निर्माण क्षेत्र में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में अधिकतम 10 लाख के प्रोजेक्ट को 15 से 25 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए प्रदेश का कोई भी युवा ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने योजना की वेबसाइट भी लांच की है। अगर आप भी स्वरोजगार अपनाना चाहते है तो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की वेबसाइट https://msy.uk.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते है। इस योजना में किन-किन योजनाओं को शामिल किया गया है। किस योजना पर कितना लोन दिया जा रहा है कैसे इन योजना में आवेदन करना है। इसकी जानकारी में हम आपकों देंगे।
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आइये जानते है लोन के लिए क्या-क्या पात्रता है-
पात्रता-
- आवेदक की आयु आवेदन के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है।
- योजनान्तर्गत उद्योग सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी।
- आवेदक या इकाई किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था / सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (defaulter) नहीं होना चाहिए।
- आवेदक द्वारा विगत 5 वर्ष के भीतर भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त नहीं किया गया हो, किन्तु यदि किसी आवेदक द्वारा 5 वर्ष पूर्व भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना में लाभ प्राप्त किया गया और वह चूककर्ता (defaulter) नहीं है, तो वह अपने उद्यम के विस्तार के लिए योजनान्तर्गत वित्त पोषण प्राप्त कर सकता है।
- आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को योजनान्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा।
- आवेदक द्वारा पात्रता की शर्तों को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाना होगा।
- विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों के लाभ हेतु सक्षम प्राधिकारी विशेष श्रेणी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।
- लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट व्यवहार्यता देखते हुए “पहले आयें पहले पायें” (First Come First Serve) के आधार पर किया जायेगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज-
मूल निवासी प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, आधार कार्ड कॉपी, शपथ पत्र (निर्धारित प्रारूप के अनुसार), शिक्षा का प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल कॉपी, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), दिव्यांग प्रमाणपत्र (यदि लागू हो), राशन कार्ड कॉपी
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