उत्तराखंड में कोरोना के बाद लगातार 2 सालों में प्रदेशों में काम करने वाले हजारों युवा बेरोजगार हो गए हैं ऐसे में अपने घर में आकर रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के लिए खुद का छोटा सा को रोजगार करना भी उनकी आमदनी का स्रोत बन सकता है लिहाजा युवा आटा चक्की लगाकर भी अपना स्वरोजगार शुरू कर आमदनी का जरिया बना सकते हैं जिसके लिए सरकार की योजना भी उनकी मदद करेगी।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके हो या मैदानी इलाके लोग ज्यादातर गेहूं को पिसवा कर आटा घरों के लिए लाते हैं ऐसे में पहाड़ी इलाके से लेकर मैदानी इलाके में आपके लिए आटा चक्की खोलना उद्योग का एक जरिया हो सकता है जिससे कि आप अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं और अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।
आटा चक्की व्यवसाय की शुरुआत के लिए आपको मशीन लगाने सहित इस काम के लिए लगभग ढाई लाख से ₹ 3 लाख तक का खर्च आता है जोकि पिसाई मशीन लगाने के लिए खर्च होता है इसके साथ ही उसके रखरखाव और अन्य खर्चों के लिए कम से कम ₹1लाख का बजट होना और आपके पास अनिवार्य होता। लिहाजा आप 4 से ₹5 लाख की लागत में आटा चक्की का छोटा उद्योग शुरू कर सकते हैं आप न सिर्फ अपने आसपास के इलाकों के लोगों के गेहूं की पिसाई से आमदनी कर सकते हैं बल्कि खुद भी गेहूं खरीद कर उसका आटा पिसाई करते हुए बाजार में बेचने का भी विकल्प अपना सकते हैं।
सरकार ऐसे कर रही मदद
उत्तराखंड में आटा चक्की जैसे उद्योग के लिए सरकार की योजना शहरी इलाकों में 15% और ग्रामीण इलाकों में 20% सब्सिडी के साथ आपको ऋण उपलब्ध कराने का काम करेगी। उत्तराखंड में बेरोजगार और प्रवासी युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना इसके लिए एक महत्वपूर्ण कार्य कर कदम है जिसके जरिए सब्सिडी पर ऋण उपलब्ध कराकर आप स्वयं का स्वरोजगार कर आमदनी का जरिया शुरू कर सकते हैं।
आइये जानते है लोन के लिए क्या-क्या पात्रता है-
- आवेदक की आयु आवेदन के समय कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है।
- योजनान्तर्गत उद्योग सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण सुविधा उपलब्ध होगी।
- आवेदक या इकाई किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्था / सहकारी बैंक या संस्था इत्यादि का चूककर्ता (defaulter) नहीं होना चाहिए।
- आवेदक द्वारा विगत 5 वर्ष के भीतर भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ प्राप्त नहीं किया गया हो, किन्तु यदि किसी आवेदक द्वारा 5 वर्ष पूर्व भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना में लाभ प्राप्त किया गया और वह चूककर्ता (defaulter) नहीं है, तो वह अपने उद्यम के विस्तार के लिए योजनान्तर्गत वित्त पोषण प्राप्त कर सकता है।
- आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को योजनान्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा।
- आवेदक द्वारा पात्रता की शर्तों को पूर्ण किये जाने के सम्बन्ध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया जाना होगा।
- विशेष श्रेणी (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिला एवं दिव्यांगजन) के लाभार्थियों के लाभ हेतु सक्षम प्राधिकारी विशेष श्रेणी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्रों की प्रमाणित प्रति आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगा।
- लाभार्थियों का चयन अधिक आवेदन प्राप्त होने पर प्रोजेक्ट व्यवहार्यता देखते हुए “पहले आयें पहले पायें” (First Come First Serve) के आधार पर किया जायेगा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज-
उत्तराखंड मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
- (i) मूल निवासी प्रमाण पत्र
- (ii) पासपोर्ट साइज फोटो
- (iii) विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
- (iv) आधार कार्ड कॉपी
- (v) शपथ पत्र (निर्धारित प्रारूप के अनुसार)
- (vi) शिक्षा का प्रमाण पत्र
- (vii) बैंक डिटेल कॉपी
- (viii) जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- (iX) दिव्यांग प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- (X) राशन कार्ड कॉपी
आप इस लिंक के माध्यम से सीधे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं
यहां क्लिक करें👉 https://msy.uk.gov.in/frontend/web/index.php
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए -
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7017926515 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें