विकसित भारत संकल्प यात्रा के तीसरे दिन पंतनगर के वैज्ञानिकों ने ग्रामीणों को दी उन्नत किस्मों और तकनीकों की जानकारी
उधम सिंह नगर (उत्तराखंड) — विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के तीसरे दिन गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के वैज्ञानिकों ने खटीमा ब्लॉक के तीन गांव — सल्मता, बल्खेड़ा और सुनखरी — में किसानों और ग्रामीण समुदाय के बीच पहुंचकर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित फसलों की उन्नत किस्मों, नवीनतम कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार डॉ. जितेन्द्र क्वात्रा के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक श्री गोविन्द सिंह राणा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से डॉ. अजय प्रभाकर, सह-निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र, काशीपुर; डॉ. अर्पिता शर्मा कांडपाल, सहायक प्राध्यापक, कृषि संचार विभाग; डॉ. स्वाति सिन्हा, प्राध्यापक, पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग; तथा श्री रमेश पाल, कृषि विज्ञान केंद्र, काशीपुर की उपस्थिति रही। इसके अतिरिक्त, कृषि विभाग से श्रीमती विधि उपाध्याय, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, उनकी टीम, मत्स्य विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।
विधायक श्री गोविन्द सिंह राणा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “कृषि क्षेत्र देश की रीढ़ है, और इस रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए वैज्ञानिकों और किसानों के बीच सीधा संवाद और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान अत्यंत आवश्यक है। पंतनगर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। हमें गर्व है कि हमारे किसान वैज्ञानिकों की सलाह को अपनाकर अपनी खेती को और समृद्ध बना रहे हैं।”
कार्यक्रम के दौरान पंतनगर विश्वविद्यालय की टीम ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। डॉ. अजय प्रभाकर ने कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के उपायों, फसल प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों और किसानों के लिए उपयोगी सुझावों पर चर्चा की। डॉ. अर्पिता शर्मा कांडपाल ने ग्रामीण महिलाओं को कृषि में सहभागिता, नवाचार और कृषि आधारित उद्यमिता के अवसरों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी से गांवों की आर्थिक स्थिति सशक्त होती है। डॉ. स्वाति सिन्हा ने किसानों को पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं, धान, सरसों तथा सब्जियों की उच्च उत्पादन क्षमता वाली और रोग प्रतिरोधी किस्मों की जानकारी दी।
कृषि विभाग की ओर से श्रीमती विधि उपाध्याय ने किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं, अनुदान और सहायता कार्यक्रमों के बारे में बताया। वहीं, मत्स्य विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने किसानों को मत्स्य पालन, दुग्ध उत्पादन के लाभ, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सहायता योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से उन्हें नई तकनीकों को समझने और अपनाने का अवसर मिलता है। किसानों ने पंतनगर विश्वविद्यालय की टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए ताकि कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
कार्यक्रम का सफल संचालन विश्वविद्यालय की टीम के सहयोग से किया गया। अंत में उपस्थित सभी किसानों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।





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