बात 1962 की है जब वेस्टइंडीज के दौरे पर भारतीय टीम 5 टेस्ट मैच की सीरीज खेलने के लिए चयनित हो चुकी थी उस समय टीम के कप्तान नरी कॉन्ट्रैक्टर थे. वेस्टइंडीज के साथ शुरू हुई इस सीरीज में पहले दो टेस्ट मैच भारतीय टीम पूरी तरह से हार चुकी थी और तीसरा मैच 23 मार्च 1962 को बारबाडोस में होना था, तीसरे मैच में दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की कैद में भारतीय कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर के सिर में चोट लगी जिसके बाद भारतीय टीम के तत्कालीन मैनेजर गुलाम अहमद ने उपकप्तान को सूचित किया कि वह अगले टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे, तीसरे मैच के बाद टीम को विश्व का पहला सबसे युवा कप्तान मिला, जिसका रिकॉर्ड 4 दशकों तक कोई नहीं तोड़ पाया। हम बात कर रहे हैं टाइगर पटौदी यानी भारतीय क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी की. आज से लगभग पांच दशक पहले उन्होंने यह विश्व रिकॉर्ड बनाया, क्योंकि 23 मार्च 1962 को जिस दिन वेस्टइंडीज के खिलाफ ब्रिजटाउन में टेस्ट शुरू हुआ था उस दिन पटौदी की उम्र सिर्फ 21 साल 77 दिन थी उस समय टीम के कप्तान नारी कॉन्ट्रैक्टर के चोटिल हो जाने की वजह से टाइगर पटौदी को भारतीय टीम की कमान मिली,
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दुनिया के सबसे युवा कप्तान बनने का टाइगर पटौदी का यह रिकॉर्ड 42 साल तक कायम रहा और 2004 में जब जिंबाब्वे ने ततेंद्र तैबु को 20 साल 358 दिन की उम्र में कप्तान बनाया गया. तब जाकर विश्व के सबसे युवा कप्तान का रिकॉर्ड टूटा इसके बाद पिछले साल ही अफगानिस्तान के राशिद खान ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
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