नैनीताल- उत्तराखंड भवन निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में गड़बड़ियों और निर्माण श्रमिकों को फायदा पहुंचाने के बजाय, बोर्ड द्वारा बोर्ड चेयरमैन की पुत्रवधू के एनजीओ को लाभ पहुंचाने के मामले में आज उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी निवासी अमित पांडे की याचिका पर सुनवाई करते हुए बोर्ड के चेयरमैन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत व उनकी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं सहित सचिव श्रम व केंद्र सरकार के श्रम विभाग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में बोर्ड द्वारा मजदूरों के हित ना करने बोर्ड के साधनों से पुत्रवधू के एनजीओ को लाभ पहुंचाने और अधिकांश बड़े निर्माणों और निर्माण श्रमिकों के नियोक्ताओं वह बिल्डरों से से कल्याणकारी सैस की जानबूझकर वसूली न करने संबंधी मामले पर शपथ पत्र दायर करने के लिए कहा है।
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कोर्ट ने साथ ही श्रम आयुक्त उत्तराखंड तथा केंद्रीय श्रम सचिव को भी इस मामले में जवाब दायर करने के लिए कहा है। मामले में उत्तराखंड भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखंड द्वारा भारी अनियमितताओं तथा मजदूरों के हित के बजाय एक एनजीओ के हित में बोर्ड के संसाधन खर्च करने का विषय उठाया गया है और साथ ही उक्त बोर्ड की गतिविधियों की जांच की मांग की गई है और बोर्ड चेयरमैन को ईमानदारी से पद का निर्वहन न करने के कारण हटाने की मांग भी की गई है।
मामले की अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी आज प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में हुई। न्यायालय ने सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता अमित पांडे द्वारा मजदूरों के हित में उठाए गए इस अनियमितता के विषय को बहुत महत्वपूर्ण बताया है.
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