मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक बीते 2 दिनों में हुई भारी बरसात और ओलावृष्टि ने कुमाऊं के किसानों की कमर तोड़कर रख दी, पकी फसल में ओले पड़े, तो वही आंधी और तूफान ने फलों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. इसके अलावा आसमानी आफत ने कई घरों को नुकसान भी पहुंचाया है वही अल्मोड़ा के सोमेश्वर के पास धलौरा में बादल फटने की वजह से मवेशी भी बह गए।

गर्मी के सीजन में पूरे तराई भाबर सहित मैदानी इलाकों में पहाड़ की फल सब्जी की डिमांड होती है लेकिन इस बार आसमान से बरसी आफत में पहाड़ के काश्तकारों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल और चंपावत जिले के काश्तकारों को हालिया दिनों में हुई बरसात और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है, इस लॉक डाउन में आर्थिक रूप से कमजोर महसूस कर रहे किसानों को एकमात्र उनकी खेती से उम्मीद थी वह भी आसमान से बरसे पानी में बह गयी।


पहाड़ों में जहां गेहूं की पकी फसल को नुकसान पहुंचा है तो वही आम, लीची, पूलम, माल्टा, नाशपाती, आडू, खुमानी सहित अन्य फल और सब्जी पूरी तरह तबाह हो गई है किसानों के सामने उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का संकट तो आ खड़ा हुआ ही है बल्कि उनके खुद के जीवन यापन करने के लिए भी खाद्यान्न संकट दिख रहा है।

हालांकि सरकार की तरफ से मंगलवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बयान देते हुए कहा है कि सभी जिलों में किसानों के हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है जल्द ही किसानों को उनकी फसल के नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को मिलेगा मानकों के अनुरूप मुआवजा
सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बयान देते हुए कहा, हाल ही में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे चल रहा है। इसमें मानकों के अनुसार प्रभावितों को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। हाॅर्टीकल्चर में नुकसान पर भी मानकों के अनुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी।

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