देहरादून-उत्तराखंड के 11वीं गढ़वाल राइफल के हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी 8 जनवरी 2020 से भारत-पाकिस्तान सीमा से लापता हो गए थे आखिरकार भारतीय सेना ने बैटल कैजुअल्टी मानते हुए उन्हें शहीद घोषित कर दिया है सेना की तरफ से शहीद की पत्नी को एक पत्र भेजा गया है जिसमें पति को ऑन ड्यूटी कैजुअल्टी मानते हुए शहीद घोषित करने की बात लिखी गई है सेना ने राजेंद्र सिंह नेगी को शहीद का दर्जा दिया है।
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लेकिन हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी माथे पर सिंदूर हाथों में चूड़ियां पहने आज भी अपने पति के वापस आने का इंतजार कर रही हैं गौरतलब है कि 8 जनवरी को भारत-पाक सीमा पर गुलमर्ग में ड्यूटी पर तैनात हवलदार राजेंद्र सिंह का पैर फिसलने के दौरान पाक सीमा की ओर जा गिरे और लापता हो गए सेना द्वारा खूब तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद 21 मई 2020 को बैटल कैजुअल्टी मान लिया गया है। पर राजेंद्र सिंह की पत्नी का कहना है कि वह जब तक अपनी पति की बॉडी नहीं देख लेती तब तक वह पति राजेंद्र सिंह नेगी को शहीद नहीं मानेंगे।
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