देहरादून: बिन्दुखत्तावासियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाये जाने के सम्बन्ध में।
कृपया संलग्न प्रार्थना पत्र का सन्दर्भ लेना चाहेंगे जिसमें वन अधिकार समिति, बिन्दुखत्ता द्वारा अवगत कराया है कि सैकडों वर्ष पुरानी बसासत बिन्दुखत्ता में वर्तमान में लगभग 80 हजार से अधिक की आबादी निवास कर रही है। राजस्व ग्राम न होने के कारण इस क्षेत्र में सरकार की कई महत्वपूर्ण सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ ग्रामवासियों को नहीं मिल पा रहा है, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पंरपरागत वन निवासियों के वन अधिकारो की मान्यता अधिनियम 2006 के तहत बिन्दुखत्तावासियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव जिलास्तरीय वन अधिकार समिति नैनीताल की सहमति के उपरान्त दिनॉक 19 जून 2024 को शासन को भेजे जाने के साथ उसी के क्रम में दिनांक 20 सितम्बर 2024 को एक अनुपूरक प्रस्ताव भी शासन को भेजा जा चुका है।
वन अधिकार समिति बिन्दुखत्ता द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 संशोधित अधिनियम 2012 के अनुसार जिलास्तरीय वन अधिकार समिति द्वारा दावा स्वीकृति के बाद सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उस क्षेत्र के निवासियों को दिये जाने का प्रावधान है इसी से सम्बन्धित जनजाति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश दिनॉक 08/11/2013 में भी यह कहा गया है की जिलास्तरीय समिति द्वारा दावा स्वीकृति के बाद उस क्षेत्र में निवासरत लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ राजस्व गांव की प्रतिक्षा किये बिना शुरू किया जा सकता है।
अतः जनहित में आपसे अनुरोध है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 संशोधित अधिनियम 2012 के प्रावधान अन्तर्गत बिन्दुखत्तावासियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाये जाने का कष्ट करेंगे।
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