जब पूरा देश अपने घरों में लॉकडॉउन हों।पूरे देश में कर्फ्यू हो। और सभी को एक डर हो।और जब सामने मौत को करीब से देख पा रहे हो । और ऐसे में मेरे देश का गरीब भूखा हो।
जिसके पास अब रोजी रोटी कमाने का कोई संसाधन ना हो ।
दूसरी तरफ कुछ अपंग , दिव्यांग , कुष्ठ लोग जिनके पास एक ही काम था भीख मांगकर अपनी रात की भूख को मिटाना। ऐसे में ये सब बंद हो तो ।तो ऐसे स्थति में इनका क्या होगा ?
This is the real hero, no one sleeps hungry in his city
तो ऐसे स्थति में सिर्फ वो अपने ईश्वर को याद करते है।
ईश्वर तो उनके पास नहीं पहुंच पाते । लेकिन वो अपने बंदों को जरूर भेज देता है किसी ना किसी रुप में। जो कि कुछ युवा मुंह में मास्क हाथो दस्ताने और जेब में सेनिटाइजर लिए लिए सच में मसीहा बनकर लोगो की सेवा में जुटे है । जिनको ये पूरा शहर नेहा रोटी बैंक के नाम से जानते हैं।जो उन लोगो तक दिन रात भोजन व राशन पहुंचा रहे है। जो कि उनके लिए किसी मसीहा से कम नहीं। तो सच में ऐसे में उनके लिए दिल से सिर्फ सम्मान झलकता है।
This is the real hero, no one sleeps hungry in his city
उत्तराखंड में एक छोटा सा शहर है लालकुआं, जहां कुछ युवाओं की एक टोली ने गरीबों की भूख मिटाने के लोए कुछ 10 महीने पहले शुरू किया गया एक अनोखा बैंक
“नेहा रोटी बैंक”।
जहां कुछ नौजवान जिन्हे अब पूरा शहर हीरोज के नाम से जानता है।जो निःस्वार्थ भाव से गरीब, लाचार और बेबस लोगों के पेट की आग बुझाने में लगे हैं। यह हीरोज हर दिन लोगो को भोजन कराकर फिर भोजन करते है । लेकिन कई लोगों के अलावा सोशल मीडिया पर मिले लोगों की सराहना से इन युवाओं को खूब ऊर्जा और प्रेरणा मिली। जिसके बल पर आज यह टीम पूरे जिले में मशहूर हो गयी है, और आज लोग इन्हें दुआ देते नहीं थकते।
This is the real hero, no one sleeps hungry in his city
सुनिए बॉलीवुड के लिटिल स्टार की अपील..
यज्ञ के किरदार से आप भली भाती वाकिफ होंगे। आप यज्ञा को कई टीवी एड ,मॉडलिंग ,फिल्म में देख सकते हो।यज्ञ ने अभी पंगा फिल्म से डेब्यू किया है।और मौजूदा हालात में हॉलीवुड फिल्म का प्रोजेक्ट कर रहा हैं। बीते हफ्तों से यज्ञा नेहा रोटी बैंक पेज से भी जुड़ा है।जिसका लगाव इतना ज्यादा हो गया है ।की वो खुद नेहा रोटी बैंक के सपोर्ट के लिए अपील कर रहा है।जो आपके सामने है। यज्ञा ने फोन के माध्यम से बताया है जल्द ही वो लालकुआं नेहा रोटी बैंक के सभी भैया लोगो से मुलाकात करेगा जो इस नेक कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
नेहा रोटी बैंक की तरफ से हम यज्ञ भसीन के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है ।साथ ही नेहा रोटी बैंक को इस नन्हे युवा (हीरोज) का इंतजार रहेगा।
क्या है नेहा रोटी बैंक-
हम आए दिन अपने आसपास कई चीज़ों को देखते हैं। उनमें से कुछ चीज़ों की ओर हमारा ध्यान जाता है, हमारा मन भी करता है कि हम इस दिशा में कुछ करें लेकिन किसी न किसी वजह से नहीं कर पाते। लेकिन यह भी सच है कि कई लोग उन छोटी-छोटी खटने वाली चीज़ों को गंभीरता से लेते हैं और दृढ़ इच्छा शक्ति के माध्यम से उस दिशा में काम भी करते हैं। वे लोग काम शुरु करते हैं और फिर धीरे-धीरे कारवां बनता चला जाता है और इस कारवां में वे लोग भी शामिल हो जाते हैं जिन्होंने कभी न कभी इस विषय में काम करने के लिए सोचा होता है। ऐसा ही कारवां लालकुआं के एक होनहार युवक ने अपनी प्यारी बहन की याद में कर दिखाया, फिरोज नाम के इस साहसी युवक ने गरीबों को भरपेट भोजन खिलाने के लिऐ नेहा रोटी बैंक की स्थापना की हैं।
This is the real hero, no one sleeps hungry in his city
फिरोज ने साबित कर दिखाया कि चाह रखने से हर मुश्किल भी आसान हो जाती है-
फिरोज के प्रयासों ने यह साबित कर दिया कि कोई जरूरी नहीं कि आपके पास बहुत पैसा हो तभी आप समाज के लिए कुछ कर सकते हैं। यदि मन में इच्छा हो तो आप इस तरह के कई और भी छोटे-छोटे प्रयासों से समाज की बड़ी-बड़ी समस्याओं को हल करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
17 जून 2019 को हुई रोटी बैंक की शुरुआत–
फिरोज की बहन नेहा की मृत्यु उसकी शादी के 1 महीने बाद ही सड़क दुर्घटना में हो गई थी लेकिन अपनी बहन को जान से भी ज्यादा प्यार करने वाले फिरोज ने अपनी बहन के चले जाने के बाद उसकी याद में ऐसा तोहफा दिया कि आज जन्नत में भी नेहा को खुशी महसूस हो रही होगी, फिरोज ने अपने साथियों के साथ चर्चा कर 17 जून 2019 को बहन की याद में नेहा रोटी बैंक की शुरुआत की। और लोगों ने फिरोज के इस कदम की काफी सराहना की। Neha Roti Baink
क्यों जरूरत बड़ी नेहा रोटी बैंक की–
भले ही देश के लोग मंगल पर बसने का विचार बना रहे हों लेकिन यह एक कड़वा सच है कि भारत की बड़ी आबादी आज भी भूखा सोती है। ऐसा नहीं है कि भारत में अनाज की कमी है या पैदावार कम है बल्कि अनाज जरूरतमंदों तक पहुंच ही नहीं पाता। युनाइटेड नेशन की फूड एंड एग्रिकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) ने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत हर साल 244 करोड़ रुपए का खाना बर्बाद कर देता है वहीं दूसरी तरफ भारत में ही रोजाना 19 करोड़ 40 लाख लोग भूखे रहते हैं।
This is the real hero, no one sleeps hungry in his city
क्या कहते थे नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन—
देश और दुनिया में भूखमरी की समस्या पर नोबल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा था, “लोग भूख इसलिए नहीं मर रहे हैं कि दुनिया में खाद्यानों की कमी है बल्कि भूखमरी की समस्या खाद्यानों के असमान वितरण से उत्पन्न एक वैश्विक संकट है। इसे दूर कर इस धरती से भूखमरी को मिटाया जा सकता है।”
सामूहिक प्रयास से आगे बढ़ता गया “नेहा रोटी बैंक “
फ़िरोज़ चाहते थे कि उनका यह कार्यक्रम केवल उनका ही न हो बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास बने। इसके माध्यम से और भी लोग जो इस दिशा में काम करना चाहते हैं वे भी आगे आएं और इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें। ताकि समाज के ज्यादा से ज्यादा लोगों की भूख मिटाई जा सके। इस काम में उन्होंने सोशल मीडिया का बहुत इस्तेमाल किया। जिसका उन्हें बहुत सकारात्मक प्रभाव भी तुरंत ही नज़र आने लगा। वे बताते हैं कि लोग भी गरीबों की मदद करना चाहते हैं। लोग इस प्रयास से जुड़कर बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं।
सोशल मीडिया की मदद से लोगों का साथ मिला—-
रोटी बैंक की स्थापना करने वाले युवाओं ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों तक अपनी आवाज पहुंचाई है. युवाओं ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने घर में बचने वाले खाने को रोटी बैंक तक लेकर आएं. ताकि उस खाने का सदुपयोग करते हुए किसी भूखे का पेट भरा जा सके.नेहा रोटी बैंक के मैनेजर बॉबी सम्बल का कहना है कि युवाओं की मेहनत रंग लाने लगी . महज एक माह के भीतर ही रोटी बैंक का इस कदर प्रचार प्रसार हो चुका था कि लोग स्वयं ही यहां पहुंचकर जरूरतमंदों को भोजन कराने लगे
भरपेट भोजन देने के लिए सक्रिय राजनीति से भी किया किनारा—
वैसे तो राजनेता अपने लिए भरपेट भोजन और स्वार्थ सिद्धि के लिए राजनीति के रास्ते से आगे बढ़ने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं लेकिन नेहा रोटी बैंक के संस्थापक फिरोज ने कांग्रेस पार्टी के महानगर महामंत्री पद से इस्तीफा देकर गरीब लोगों को भरपेट भोजन देने को प्राथमिकता देकर खुद को समाजसेवी कहने वाले लोगों के लिए नए आयाम प्रतिस्थापित किए हैं
भूखे लोगों को भरपेट पर भोजन पहुंचाने के अलावा सामाजिक समरसता की भी पहचान बना नेहा रोटी बैंक—
आज के दौर में जहां आपसी वैमनस्य बढ़ाने के भरपूर प्रयास हो रहे हो, ऐसे में भूखे पेट सो रहे गरीबों को खाना खिलाने के लिए बनाई गई नेहा रोटी बैंक न सिर्फ भूखे पेट सोने वाले गरीबों के लिए वरदान है बल्कि समाज के लिए एक संदेश भी है क्योंकि नेहा रोटी बैंक को चलाने वाले इस नारे को साकार कर रहे है जो है ” हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई,”
कैसे चलता है “नेहा रोटी बैंक”?
नेहा रोटी बैंक हो चलाने वाले फ़िरोज़ खान अध्यक्ष, बॉबी सम्मल मैनेजर,रवि अनेजा,रिया दानु,परमांशु,विनोद,जीशान, पंकज पांडेय,निशान्त गिरी, महारत्न,अरुण,गंगवार, मोइन,फ़ैज़,सुभम,सुभाष,शादाब,अमन,विशाल,फुरकान सलमानी,प्रकाश,आलोक,राहुल मित्तल,कुंदन,शफी अहमद, जमील खान,जाहिद अली,उस्मान रज़ा,कुमारी सरोज,विनोद राणा,सुनील, दीपक बत्रा,हेमंत ,योगेश,सुनील,कफील सहित कई औऱ टीम मेम्बर है,
जो रोज शाम को भोजन माताओं द्वारा तैयार किया गया ताजा खाना जिसमें दाल चावल रोटी सब्जी रायता खीर यहां तक कि आरओ का पानी लेकर शाम को 7:00 बजे से 9:00 बजे तक तहसील गेट, बिंद्रा धर्म कांटा, रेलवे स्टेशन पार्किंग में, गुरद्वारा के पास, बीआईपी गेट के पास सेवा देते है। यही नही जो बुजर्ग लोग खाना नही बना सकते है या उनके बच्चे उन्हें खाना नही देते है । उनलोगों को रोटी बैंक की टीम प्रति रात्रि का भोजन टिफिन में पैक करके उनके घर में देकर आती है Neha Roti Baink Lalkuan
सामाजिक लोग भी करते हैं नेहा रोटी बैंक में आर्थिक मदद–
गरीबो को भरपेट खाना खिलाने की इस सेवा में लोग अपना जन्मदिन,सलगिरा,या अन्य शुभ अवसर पर रोटी बैंक में एक दिन की सेवा का खर्चा देकर अपने इस पल को ओर यादगार बनाते है।
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