नैनीताल, व्यापारी की बात सुन प्रशासन में मचा हड़कंप. तत्काल क्वॉरेंटाइन वार्ड में किया शिफ्ट.

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उत्तराखण्ड के नैनीताल में कोविद 19 से मृतक के कांटेक्ट हिस्ट्री वाले मरीज के आने से अस्पताल और प्रशासन में हड़कंप । मरीज की कांटेक्ट हिस्ट्री(सम्पर्क इतिहास)होने के कारण अस्पताल ने जिलाधिकारी के निर्देश के बाद दूर रैमसे अस्पताल के हाई कवेलेन्टाइन quarantine वार्ड में शिफ्ट किया ।
नैनीताल में 18 मार्च को नैनीताल नीवासी दो व्यापारी दिल्ली से लौटकर वापस नैनीताल पहुंचे। इसमें से एक पहाड़ तो दूसरा तिब्बती समाज का रहने वाला था । तिब्बती युवक ने बताया कि वो 16 मार्च की देररात दिल्ली पहुंचे और सामान खरीदकर 18 मार्च की दोपहर में वापस नैनीताल लौटे । इस दौरान वो एक होटल में कमर लेकर रुके । बीती 25 मार्च को उन्हें किसी संबंधी का फोन आया और उन्होंने बताया कि उसी होटल में एक और तिब्बती जो अमेरिका से लौटकर आए थे भी रुके थे । उस तिब्बती की 23 मार्च को धर्मशाला जाने के बाद मौत हो गई । तिब्बती युवक ने बताया कि वो बेहद डर गए और बुधवार और आज सवेरे जांच के लिए अस्पताल पहुंचे । अस्पताल प्रबंधन ने उनका टेस्ट लिया और उन्हें 14 दिनों के लिए कवेलेन्टाइन में भेज दिया है । उन्होंने बताया कि उनका उस तिब्बती से किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं हुआ, वो निचली मंजिल में कमरा नंबर 104 में थे जबकि वो ऊपर 401 नंबर में रुके थे । corona virus

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इधर अस्पताल प्रबंधन को इसकी सूचना मिलने के बाद हड़कंप मच गया । कोरोना के एडवांस स्टेज में पहुँचकर मौत होने के कारण इन युवक़ों को भी हाई अलर्ट के साथ देखा जाने लगा । इन्हें तत्काल जिलाधिकारी से वार्ता के बाद हाई कवेलेन्टाइन सुरक्षा में रैमसे अस्पताल में रखा जाने का फैसला लिया गया । पी.एम.एस.एच.सी.धामी ने बताया कि उन्होंने इन सीरियस मरीजों के बारे में पहले जिलाधिकारी सवीन बंसल से बात की और उन्हें व्यवहारिक परेशानियों से अवगत कराया । जिलाधिकारी से हरी झंडी मिलने के बाद ही दोनों संवेदनशील मरीजों को दूर आइसोलेशन वार्ड में एडमिट करने पर संस्तुति बनी । मरीज को अस्पताल की एम्ब्युलेंस से रैमसे अस्पताल शिफ्ट किया गया । इन्हें छोड़ने वाले ड्राइवर और अटेंडेंट को एस.आई.वी.किट पहनाया गया । बी.डी.पाण्डे अस्पताल से मरीज को ले जाने के बाद वार्ड के गद्दों और कंबलों को ब्लीचिंग में डाला गया है । मरीज का सैम्पल भी टैस्टिंग के लिए हाथ के हाथ हल्द्वानी भेजा जा रहा है । मरीज को खाने पीने की व्यवस्था वहीं उपलब्ध कराई जाएगी । अगर कोई लक्षण होंगे तो पैरासिटामॉल दवा दी जाएगी ।

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