नैनीताल- उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक आई.पी.एस.अधिकारी ने अपने असमय और अकारण ट्रांसफर को चुनौती दी तो न्यायालय ने तीन हफ्ते में पुलिस और सरकार से जवाब देने को कहा है । मामले में अब 21 अगस्त को सुनवाई होगी । उत्तराखंड पुलिस विभाग में पिछले दिनों एस.एस.पी.स्तर के ट्रांसफर हुए थे । असमय और अकारण हुए तबादले के विरोध में आई.पी.एस.बरिंदर जीत सिंह ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया । उन्होंने डी.जी.पी.अनिल कुमार रतूड़ी, डी.जी.कानून व्यवस्था अशोक कुमार और जगतराम जोशी को पार्टी बनाया है । न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस मुख्यालय को तीन सप्ताह के भीतर इस मामले में जवाब देने को कहा है ।
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न्यायालय ने याचिकाकर्ता को सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद का समय दिया है । अपने ट्रांसफर के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाले आई.पी.एस.अधिकारी बरिंदर जीत सिंह ने न्यायालय से कहा है कि उन्हें पिछले दिनों उधम सिंह नगर जिले के एस.एस.पी.से बेवजह हटाया गया । उन्होंने कहा कि उन्हें अकारण कोरोना काल में बेहतर कार्य करने के बावजूद हटाया गया जबकि वो योजना के तहत काम कर रहे थे । उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें हटाकर नैनीताल जिले में इंडियन रिज़र्व बटालियन(आई.आर.बी.)प्रथम के सेनानायक पद पर ट्रांसफर कर दिया गया जो सरासर गलत है ।मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होनी निश्चित हुई है ।
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