केदारनाथ: शीतकालीन अवकाश के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शनिवार से विधिवत शुरू हो गई है। इसी क्रम में शनिवार को धाम के क्षेत्रपाल भकुंट भैरवनाथ मंदिर में अंतिम पूजा-अर्चना की गई।
पूजा के साथ ही केदारनाथ मंदिर के स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार सामग्री हटा दी गई है और अब आरती सूक्ष्म रूप से की जाएगी। यह परंपरा हर वर्ष शीतकाल के दौरान निभाई जाती है…जब भगवान केदारनाथ अपनी गद्दी यात्रा के साथ ऊखीमठ में विराजमान होते हैं।
शनिवार को भकुंट भैरवनाथ मंदिर में दोपहर 12 बजे से विशेष पूजन कार्यक्रम शुरू हुआ जो तीन घंटे तक चला। इस दौरान आचार्य संजय तिवारी, आचार्य तेजप्रकाश त्रिवेदी और बागेश्वर लिंग द्वारा सभी धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण विधि-विधान से संपन्न कराए गए।
इस पूजा के साथ ही यह संकेत मिल गया है कि केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को विधिवत बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद भगवान की पूजा शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ में होगी। हर साल हजारों श्रद्धालु इस विशेष अवसर के साक्षी बनते हैं। कपाट बंद होने से पहले मंदिर में भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती है और भक्त बाबा के अंतिम दर्शन के लिए केदारनाथ पहुंचते हैं।
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