कुमाऊँनी/गढ़वाली कुमाऊँनी रचना ‘मानवता दैण हैजे’ By भुवन बिष्ट / October 27, 2020 सबूंक आब बिगड़ी काम हैजो,भारतक सारे दुणीं में नाम हैजो।कथैं निं हो आब अत्याचार ,खुशहाली