कुमाऊँनी/साहित्य जै वीणावादनी (कुमांउनी दोहे) By भुवन बिष्ट / February 4, 2021 हाथ जोड़ी विनय करूँ, धरिये माता लाज। मिटै दिये अन्यार कैं, द्वार ऐ रयूँ आज।।जब जब