कुमांऊनी रचना: देवों की तपोभूमि, उत्तराखण्ड जै जयकारा।
जय देवभूमिदेवों की तपोभूमि,उत्तराखण्ड जै जयकार।बरकत सबूकैं ऐजो,खुशहाली सबूकैं द्वार।चार धामों किं पावनता,जय गंगे जय
जय देवभूमिदेवों की तपोभूमि,उत्तराखण्ड जै जयकार।बरकत सबूकैं ऐजो,खुशहाली सबूकैं द्वार।चार धामों किं पावनता,जय गंगे जय