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उत्तराखंड: (दुखद) खाई में स्कूटी की लाइट जलते दिखी, तब चला हादसे का पता

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रुद्रप्रयाग। कोंडा-दानकोट के समीप हुए स्कूटी हादसे का अंदेशा खाई में मृतक युवकों के मोबाइल की लाइट से लगा। शिक्षक चरण सिंह मेहता ने पुलिस को कोई सड़क हादसा होने की सूचना दी और स्वयं भी पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस के साथ शिक्षक भी जुटे और तीन घंटे से अधिक समय तक अभियान चलाकर शवों को खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया गया।

बताया जा रहा है कि रात 10.30 बजे रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मार्ग पर कोंडा-दानकोट के समीप ही स्कूटी अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी थी।कोंडा गांव में विवाह आयोजन के कारण वहां के लोगों को इसकी दूर से जानकारी मिली। घटनास्थल के ठीक सामने वाले गांव के कुछ लोगों ने घटनास्थल के समीप मोबाइल फोन की बार-बार लाइट दिखी और उसकी सूचना चोपता में शिक्षक चरण सिंह को दी।इसके बाद चौकी प्रभारी कुलेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पुलिस दल और शिक्षक मेहता मौके पर पहुंचे और टॉर्च और मोबाइल की रोशनी के सहारे जैसे-तैसे सड़क से 100 मीटर नीचे खाई में उतरे। यहां उन्हें पहले स्कूटी की नंबर प्लेट मिली और उसके कुछ दूरी पर क्षतिग्रस्त स्कूटी के समीप हीतीनों युवक मृत मिले। इसके बाद तीन घंटे तक चले अभियान में पुलिस ने लोगों के सहयोग से शवों को सड़क तक पहुंचाया। चौकी प्रभारी कुलेंद्र सिंह रावत ने बताया कि तीन घंटे की मशक्कत के बाद शव खाई

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रुद्रप्रयाग। हादसे में मृतक अंकित ने डेढ़ माह पहले ही स्कूटी खरीदी थी। अंकित की पत्नी प्रीति दुर्गाधार पुलिस चौकी में होमगार्ड जवान के तौर पर कार्यरत हैं। दोनों का डेढ़ वर्ष का बच्चा है, जिसे अंकित पत्नी के ड्यूटी के दौरान देखता था। चौकी प्रभारी कुलेंद्र सिंह रावत ने बताया अंकित यात्राकाल में केदारनाथ यात्रा में नींबू-पानी की ठेली लगाता था। डेढ़ माह पूर्व ही अंकित ने नई स्कूटी खरीदी थी और बीते शुक्रवार को भी वह स्कूटी से विवाह में शामिल होने गया था। अंकित के ससुर कुलदीप लाल, रुद्रप्रयाग स्थित रैंतोली-जवाड़ी पुलिस चौकी में होमगार्ड जवान के तौर पर तैनात हैं। हादसे के बाद से प्रीति का रो-रोकर बुरा हाल है। दूसरी तरफ कोंडा-दानकोट का रितिक ऊर्फ टीटू अपने माता-पिता की एकलोती संतान था। गांव में विवाह में वह शामिल था और बरात में गया था। दूसरी तरफ संदीप के परिजन सदमे में हैं।

घटनास्थल पर पहले भी हो चुके हैं हादसे

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शिक्षक चरण सिंह मेहता ने बताया कि उन्हें रात 10.51 बजे जीआईसी चोपता में तैनात शिक्षक सरताब सिंह रावत का फोन आया और कोंडा-दानकोट के समीप हादसे की आशंका जताई। उन्होंने बताया कि जहां पर हादसा हुआ है, बीते वर्ष भी उसी जगह पर दुर्घटना हो चुकी है, जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। यही नहीं, बीते पांच वर्षों में इस क्षेत्र में यह तीसरी सड़क दुर्घटना है।

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