नैनीताल- उत्तराखंड में नैनीताल के सन 1880 के विनाशकारी भूस्खलन की 18 सितंबर को होने वाली बरसी के दिन कुछ संस्थाओं ने शहर साफ करने का बीड़ा उठाया है । नैनीताल में ब्रिटिशकाल के दौरान 18 सितंबर 1880 को मल्लितक के विक्टोरिया होटल क्षेत्र में एक भूस्खलन आया था, जिसमें दबकर कुछ भारतीयों और कुछ विदेशियन की मौत हो गई । इस भूस्खलन में दबे लोगों को निकालने के लिए दूसरे दिन, नैपाली श्रमिकों के साथ कुछ भारतीय रैस्क्यू ऑपरेशन में जुटे । अचानक दोबारा से भूस्खलन होने से वहां कार्यरत सैकड़ों श्रमिक मलुवे के नीचे दब गए जिनकी दर्दनाक मौत हो गई ।
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इसके बाद नैनीताल में अंग्रेजों ने नाले बनाए और तभी से कोई बड़ा हादसा नहीं हो सका । कुछ वर्ष पूर्व एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक रैमको नैनीताल आया और उन्होंने उस भूस्खलन को याद दिलाते हुए 18 सितंबर को नैनीताल साफ करने की अलख जगाई । कई वर्षों तक यह मुहिम चलने के बाद 2012 में बंद हो गई । अब इस वर्ष एक बार फिर ग्रीन आर्मी, जागृति, दिलदारी, त्रिवेणी, तिब्बती एसोसिएशन, लेक सिटी क्लब, नासा, खोखा समिति, गुरुद्वारा कमेटी, युग मंच, व्यापार मंडल तल्लीताल और मल्लीताल, नैनीताल नगर एसोसिएशन और हेल्पिंग हैंड्स समेत कुछ अन्य संस्थाओं ने अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की है । आयोजकों ने बताया कि कुल 35 जगहों में 7 से 10 लोग अभियान का हिस्सा बनेंगे । इसमें सोशियल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए सफाई अभियान चलाया जाएगा । शहर के राजभवन, स्नो व्यू, बिरला, हनुमानगढ़ आदि में अभियान चलाया जाएगा । उन्होंने बताया कि अभियान का हिस्सा बनने वाले सदस्यों को ग्लव्स और सेनेटाइजर दिए जाएंगे ।
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