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उत्तराखंड- वेडिंग सीजन में लोक गायक इंदर आर्य का आया यह धमाकेदार गीत, ‘तेरो लहंगा’ के बाद मचा रहा है धमाल

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एक बार फिर उत्तराखंड के लोकगायक इंदर आर्या ने अपने गीत से धूम मचा दी है। मेरो लहंगा-2 और लहंगा-3 के बाद ‘नून रोटों खूलो पहाड़ में बसी जोलो’ से अपनी गायकी को जादू बिखेरा है। इस गीत को लोगों ने बहुत पसंद किया। आज यह गीत यू मी म्यूजिक से रिलीज हुआ तो सोशल मीडिया पर कमेंट और पोस्ट शेयर करने वालों की जैसी बाढ़-सी आ गई। लोकगायक इंदर आर्या एक बड़े लोकगायक के तौर पर उभरकर आये है। उनके गीतों में पहाड़ का मिठास, रीति-रिवाज और तीज-त्योहार को बढ़ावा देने वाली बात होती है। इसी के बूते काफी कम समय में उन्होंने सुपरस्टार लोकगायकों की श्रेणी में अपना कब्जा जमाया है।

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शादियों में पहली पसंद बने इंदर के गीत
इससे पहले लॉकडाउन के दौरान उनका लहंगा-3 गीत आया। जिसने आजकल बरातों में धूम मचा रही है। डीजे से उनका मेरो लहंगा-2 और लहंगा-3 हटने का नाम नहीं ले रहा है। आज शादी-पार्टियों में पहाड़ से लेकर शहर तक इंदर के गीतों में युवा वर्ग जमकर झूम रहा है। यह सब उनकी मेहनत का फल है। अल्मोड़ा जिले के दन्या से निकले इंदर आर्या ने कभी सोचा नहीं था वह एक दिन उत्तराखंड के सबसे चहेते स्टार लोकगायक बन जायेंगे। आज वह पूरे उत्तराखंड से एकमात्र ऐसे लोकगायक है जिनके गाने पूरा उत्तराखंड ही नहीं, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे बड़े शहरों में भी सुनाई दे रहे है। उन्होंने इसका श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

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बोल हीरा गीत फौजी भाइयों को समर्पित
अभी तक उनका मेरो लहंगा-2 वीडियो और ऑडियो मिलाकर तीन करोड़ से ऊपर चला गया है। यह अब तक उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा गीत साबित हुआ। वही लहंगा-3 गीत को अभी तक 33 लाख व्यूज मिल चुके है। वहीं उनके चैनल पर एक लाख से ऊपर सब्सक्राइबर है जो उन्हें सिल्वर बटन दिला चुके है। अभी तक वह यो किताब, मैं कविता क्या लिखूं, पुष्पा-2, बोल हीरा, हिट मधुली, ध्वेति बिलौज मा, छोरी अनीता, नॉन स्टॉप, तू मेरी पहाडऩ, मैं बजु मुरूली, पनार की बाना, रंगीली भौजी जैसे सुपरहिट गीत दे चुके है। हाल में में उनके चैनल से बोल हीरा गीत रिलीज हुआ है जो मात्र चार दिनों में डेढ़ लाख से ऊपर पहुंच चुका है। यह गीत लोकगायक इंदर आर्या ने विशेष तौर पर भारतीय सेना को समर्पित किया है। जिस चंदन लाल ने लिखा है।

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फिर छायी इंदर और असीम की जोड़ी
अब नून रोटों खूलो ने धमाल मचा दिया है। इस गीत को शहर में रह रहे पहाड़ के युवाओं पर दर्शाया गया है जो कहता है कि वह नमक के साथ रोटी खा लेगा लेकिन पहाड़ ही रहेगा। गाय भी रखेगा, भैस भी रखेगा और बकरी भी पालेगा लेकिन रहेगा अपने पहाड़ में। यह गीत पहाड़ के पलायन के दर्द को भी उजागर करता है कैसे पहाड़ युवा शहरों में परेशानी झेलता है फिर उन्हीं परेशानियों से तंग आकर वह पहाड़ में रहने की बात करता है। यह गीत एक ओर दर्द को उजागर करता है तो दूसरी और इंदर ने अपनी मीठी आवाज से इस गीत को खास बनाते हुए लोगों को थिरकने पर मजबूर किया है। इस गीत में संगीत दिया है असीम मंगोली ने वही इस गीत को पवन गुुरूंग और उमेश देउपा ने लिखा है। एक बार फिर सुपरस्टार लोकगायक इंदर आर्या और संगीतकार असीम मंगोली की जोड़ी ने धूम मचा दी है। लोकगायक इंदर आर्या ने बताया कि जल्द ही उनका हैचटेग मंगोली साब गीत उनके चैनल इंदर आर्या स्टार कुमाऊंनी सिंगर से रिलीज होगा।

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