पंछी की तरह बनकर उड़ जाऊं मैं, लोगों से कुछ अलग कर दिखाऊं मैं

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पंछी की तरह बनकर उड़ जाऊं मैं
लोगों से कुछ अलग कर दिखाऊं मैं
आसान जिंदगी तो सब जीते हैं
कांटो की राह पर चलकर फूल बनकर खिल जाऊं मैं

सपने वो नहीं होते जो बंद आंखों से देखे जाते हैं सपने वह होते हैं जो खुली आंखों से देखे जाते हैं।
हर व्यक्ति का कोई ना कोई सपना जरूर होता है। अब वह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वो उसे किस तरीके से उसे पूरा करता है। सपने देखने का हक हर किसी का है।पर उसे वही व्यक्ति पूरा करता है जिसके हौसलों में उड़ान होती है। सपने किसी के मोहताज नहीं होते। हौसला होने पर वह किसी गरीब को अमीर और अमीर को गरीब कर सकते हैं। जब किसी गरीब किसान का बच्चा बोर्ड की परीक्षाओं में टॉप करता है। तो वो यह नहीं सोचता की वो गरीब है या अमीर क्योंकि उसके सामने केवल उसका सपना रहता है। और कुछ भी नहीं ।सपने को देखना और उसे पूरा करना इसमें बहुत अंतर है। कुछ लोग सपने देखते तो है। पर उसे पूरा करने के लिए उड़ान भरने की कोशिश नहीं करते। जिस कारण वो असफल हो जाते हैं। और कुछ लोग उनमें से ऐसे होते हैं। जो रात रात भर जाकर अपने सपने के लिए पीछे लग जाते हैं। कि एक ना एक दिन उसे वो से हासिल कर के ही रहेंगे। सपने हम उसे नहीं कहते जो रात को सोने के बाद आ जाते हैं। बल्कि सपने वह होते हैं जो रात को हमें सोने नहीं देते।

(कोरोना काव्य) सुनिए ‘जुगल किशोर पेठशाली’ द्वारा रचित कविता उनकी जुबानी….


एक कविता में मैंने सुना था। कि छिप छिप अश्रु बहाने वालों मोती व्यर्थ लुटाने वालों कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता हैं। आज कहीं ना कहीं यह कविता मुझे अंदर से झंझोर देती है। मेरा उद्देश्य यहां पर किसी की कविता को गलत साबित करना नहीं है। पर मैंने एक चीज महसूस की है कि अगर कोई सपना टूटता है। तो व्यक्ति भी उसके साथ साथ टूट जाता है। जब कोई व्यक्ति कोई सपना देखता है। तो अपने सपने के साथ वह अपनी जिंदगी को देखता है। ऐसा मुझे लगता है। कि किसी सपने के टूट जाने से पूरी जिंदगी टूट जाती है। क्योंकि केवल उस सपने के साथ उसकी जिंदगी की बहुत सारी चीजें जुड़ी रहती है।

(शायरी)हमसफ़र ऐसा हो बेशक उससे मुलाकात कम हो। लेकिन कामयाबी पर खुद से ज्यादा उसका हाथ हो ।।


सपने हमारी जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। और उनका स्थान कोई और नहीं ले सकता। कोई उसका स्थान इसलिए नहीं ले सकता। क्योंकि व्यक्ति उस सपने को अपने मन से देखता है। यह बात तो सच है कि हमारे सपनों के साथ कहीं ना कहीं हमारी माता पिता के सपने भी जुड़े होते हैं। और कहीं ना कहीं वह भी हमें उस ऊंचाइयों पर पहुंचते हुए देखना चाहते हैं। और हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी सपना छोटा या बड़ा नहीं होता। अगर उसे दिल से देखा जाए तो वही छोटा सपना एक इतना बड़ा हो जाता है। कि जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
अमीरी गरीबी तो संसार का एक बड़ा चक्र है। जिसे ना कोई तोड़ पाया है ना तोड़ पाएगा। इसे केवल हम अपने सपनों की बदौलत तोड़ पाएंगे। सपना हमें जीने की आस देता है। इसलिए अपने सपने को ध्यान में रखते हुए उसे पूरा करने की कोशिश कीजिए। एक बार आप अपने सपने के पीछे लग जाएंगे। तो कोई भी आपके रास्ते का कांटा नहीं बनेगा। और हमेशा सपने ऐसे देखे जिन आप सच में पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। नहीं तो बंद आंखों से तो हर कोई सपना देखता है। फिर आपके सपने में और उस बंद आंख से देखे गए सपने में कोई भी अंतर नहीं रह जाएगा। सपना अंधेरे बंद कमरे में एक हल्की सी रोशनी जैसा है।जो धीरे-धीरे अपनी रोशनी खिलाकर उस कमरे को रोशनी से भर देता है। भले ही उस सपने को पाने के लिए आपको कितनी भी तकलीफ क्यों ना उठानी पड़े।लेकिन बाद में उसका फल हमेशा मीठा होता है।जैसे ही आपका सपना उड़ान भर लेता है।तो आप अपनी उड़ान के पीछे लगी मेहनत को भी भूल जाते हैं। इसीलिए सपने तो हर कोई देखता है पर उसे सिर्फ वही व्यक्ति पूरा कर पाता है जो सपने के लिए जी जान लगा देता है।

उसके बनाए जज्बात अब बिखरते होंगे…..

‘मैं’ मेरी माँ जैसी होने.लगी हूँ..

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