उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं कुमाऊँनी लोक कला को देश विदेश तक देवभूमि को पहचान दिलाने वाले जुगल किशोर पेठशाली द्वारा प्रधामनंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कोरोना वॉरियर्स को एक कविता समर्पित की है। जुगल किशोर पेठशाली द्वारा लिखी गई इस कविता में कोरोना corona virus जैसी वैश्विक महामारी से बचने को लेकर सन्देश दिया गया है। जुगल किशोर पेठशाली द्वारा उत्तराखण्ड की संस्कृति, लोक कला, वाद्य यंत्र, लोक संगीत, लोक नृत्य समेत लोक त्योहारों को अलग पहचान दिलाने के लिए अपनी पूरी उम्र समर्पित की है। 1947 में जन्मे जुगल किशोर पेठशाली को उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ाने और सांस्कृतिक धोराहर को संरक्षित रखने के लिए अब तक अनेकों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। उम्र के इस पड़ाव में भी वह अपनी कविताओं के माध्यम से समाज को महामारी से बचने का संदेश दे रहे है।
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