- महिला सशक्तिकरण के लिए पाठ्यक्रम संचालित करें विभाग : प्रो0 नेगी
उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा ‘’पिछले 75 वर्षों में भारत में महिला सशक्तिकरण’’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक व समाज कार्य विभाग की समन्वयक डॉ0 नीरजा सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी विषय की रूपरेखा प्रस्तु करते हुए संगोष्ठी का सुभारम्भ किया।
संगोष्टी की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओ0 पी0 एस0 नेगी ने कहा कि हम 75 वां स्वतंत्रता दिवस को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं, इसलिए पिछले 75 वर्षों में भारत में महिला सशक्तिकरण जैसे विषय पर चर्चा करना व विचार विमर्श करना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा पद्धति का विश्वविद्यालय है हमे कोशिश करनी चाहिए कि हम उत्तराखण्ड की दूरस्थ क्षेत्रों की महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर पाठ्यक्रम तैयार करें और महिला सशक्त्किरण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने संगोष्ठी आयोजक समाज कार्य विभाग को महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित पाठ्यक्रम शुरू करने के सुझाव दिए।
गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, विलासपुर की प्रो0 प्रतिभा जे. मिश्र ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उन्होंने ‘दैनिक जीवन में महिला सशक्तिकरण के स्रोतों और युक्तियों का महत्व’ विषय पर अपने विचार रखे। प्रो0 मिश्र ने कहा कि आज भी महिलाएं पूर्ण रूप से सशक्त नहीं हो पाई हैं, जिसका मुख्य कारण है कि हम अपने घर से ही महिलाओं को सशक्त करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने महिलाओं के साथ होने वाले भेद-भावों को कई उदाहरणों के साथ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यदि महिला सशक्त्किरण करना है तो हमे इसके लिए एक साथ होकर काम करना होगा और इसे हम अपने घर से ही शुरू करें।
विशिष्ट अतिथि प्रो0 अश्विनी कुमार सिंह, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय,दिल्ली ने महिला सशक्तिकरण के सामाजिक आयाम पर प्रकाश डाला। प्रो0 सिंह ने महिलाओं के सामाजिक विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं के आर्थिक विकास व शैक्षिक विकास से उनका सामाजिक विकास होता है, लेकिन महिलाओं के आर्थिक व शैक्षिक विकास के लिए उन्हें समाज में बराबरी का हकदार बनाना होगा।
विशिष्ट अतिथि प्रो0 अनुप कुमार भारतीय, लखनऊ विश्वविद्यालय ने ‘वैश्विकरण एवं महिला सशक्तिकरण’ विषय पर अपने वक्तव्य दिए। प्रो0 भारतीय ने कहा कि वैश्विकरण आर्थिक उन्नति का प्रतीक है, यह समाज का एकीकरण भी करता है। उन्होंने कहा कि वैश्विकरण के दौर में महिलाओं को साथ लेकर और उनकी भागिदारी को बढ़ाकर ही महिला सशक्तिकरण हो पायेगा।
विशिष्ट अतिथि प्रो0 राजकुमार सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय ने महिलाओं का शैक्षिक सशक्तिकरण विषय पर चर्चा की। प्रो0 राजकुमार ने भारतीय शैक्षिक व्यवस्था में महिलाओं के शैक्षिक स्तर का ऐतिहासिक रूप में तुलना की, तथा महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।
फिक्की फ्लो उत्तराखण्ड की महिला उद्यमिता की अध्यक्षा डॉ0 नेहा शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
यूओयू के समाज विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक प्रो0गिरीजा पाण्डेय ने महिलाओं के ऐतिहासिक सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 राजेन्द्र कैडा ने किया।
इस अवसर पर प्रो0 पी0 डी0 पंत, डॉ0 मदन मोहन जोशी, डॉ0 सीता, डॉ0 घनश्याम जोशी, डॉ0 शालिनी जोशी, दीपांकुर जोशी, विकास जोशी, राजेश आर्य आदि उपस्थित रहे। संगोष्ठी में ऑफ लाइन/ ऑनलाइन लगभग 70 प्रतिभाग शामिल हुए।
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