नई दिल्ली- कोरोनावायरस कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर ने देश को न सिर्फ आर्थिक रूप से भारी नुकसान पहुंचाया बल्कि लाखों लोगों को बेघर किया तो हजारों लोगों को अनाथ कर दिया आज भी रोजाना देशभर में इस वैश्विक महामारी के प्रकोप के चलते लगातार मौतें हो रही है वैज्ञानिकों के रिसर्च ने बताया है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो अक्टूबर नवंबर के महीने पर कोरोना की तीसरी लहर चरम पर होगी।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान एम्स और भारतीय आयुर्वेदिक अनुसंधान परिषद आईसीएमआर ने हाल ही में 18961 मरीजों पर अध्ययन किया और उसके बाद बताया कि दूसरी लहर में 20 साल से अधिक उम्र के लोग ज्यादा संक्रमित हुए कोविड-19 की दोनों लहरों में पहली लहर में औसत आयु 48 से 50 वर्ष रहे जबकि दूसरी लहर में 21 से 39 वर्ष के काफी युवा संक्रमित हुए।
इसके अलावा पहली लहर में 1.35 फ़ीसदी मरीजों की मौत हुई जबकि दूसरी लहर में 1.52 फ़ीसदी लोगों की मौत हुई। एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि शंकर मित्रों के अनुमान के लिए बनाई समिति के गणितीय मॉडल के आधार पर अगस्त सावधानी नहीं बरती गई तो एक दो महीने बाद नई लहर आ सकती है जिसका चरम अक्टूबर-नवंबर के महीने में मिल सकता है।
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